Friday, October 10, 2025
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संजय कपूर संपत्ति विवादः करिश्मा के बच्चों ने प्रिया पर ‘सिंड्रेला की सौतेली माँ’ की तरह व्यवहार करने का लगाया आरोप

करिश्मा कपूर के बच्चों के वकील जेठमलानी ने अदालत को बताया कि संजय कपूर की वसीयत स्पष्ट रूप से जाली दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि वसीयत 21 मार्च 2025 को तैयार बताई गई, जबकि डिजिटल रिकॉर्ड से साबित होता है कि 17 मार्च को जब दस्तावेज संशोधित किया गया था, उस वक्त संजय अपने बेटे कियान के साथ छुट्टी पर थे और शहर में नहीं थे।

दिल्ली हाईकोर्ट में दिवंगत कारोबारी और सोना कॉमस्टार के चेयरमैन संजय कपूर की 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर चल रही कानूनी विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान करिश्मा कपूर के दोनों बच्चों- समायरा और कियान कपूर ने संजय की तीसरी पत्नी प्रिय सचदेव कपूर पर ‘सिंड्रेला की सौतेली माँ’ जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया। बच्चों ने प्रिया पर उन्हें और उनकी दादी रानी कपूर को विरासत से अलग करने की साजिश रची।

करिश्मा कपू की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी पेश हुए थे। उन्होंने अदालत में कहा कि प्रिय कपूर और उनके नाबालिग बेटे अजारियस ट्रस्ट की लगभग 75% हिस्सेदारी पर नियंत्रण रखते हैं, जबकि करिश्मा कपूर के बच्चे केवल 26% पर सीमित हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रिय कपूर ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि बच्चों को 2,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिससे वे किसी भी अपहरणकर्ता के निशाने पर आ सकते हैं।

सुनवाई के दौरान अदालत में ईमेल सबूत पेश किए गए, जिनसे पता चला कि प्रिय कपूर ने धन के वितरण से जुड़ी जानकारियां बच्चों से छिपाईं। कहा गया कि उन्हें संपत्ति का लगभग 60% हिस्सा मिला, 12% उनके बेटे को और 75% ट्रस्ट पर नियंत्रण है।

ये भी पढ़ेंः करिश्मा कपूर के बच्चों ने पिता संजय कपूर की संपत्ति में माँगा हिस्सा, दिल्ली HC में दायर की याचिका

वसीयत फर्जी है, संजय का कोई रोल नहीं था’

जेठमलानी ने अदालत को बताया कि संजय कपूर की वसीयत स्पष्ट रूप से जाली दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि वसीयत 21 मार्च 2025 को तैयार बताई गई, जबकि डिजिटल रिकॉर्ड से साबित होता है कि 17 मार्च को जब दस्तावेज संशोधित किया गया था, उस वक्त संजय अपने बेटे कियान के साथ छुट्टी पर थे और शहर में नहीं थे।

उन्होंने कहा कि यह आईपीसी की धारा 467 के तहत गंभीर अपराध है, जिसमें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने जब मूल वसीयत और संपत्ति सूची वाला सीलबंद कवर खोला, तो पाया कि सूची पर कोई हस्ताक्षर नहीं हैं। अदालत ने प्रिय कपूर को निर्देश दिया कि वह इसे शपथपत्र के साथ दोबारा दाखिल करें।

अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी, जब अदालत जेठमलानी की दलीलों को पूरा सुनेगी, इसके बाद बचाव पक्ष अपनी दलीलें रखेगा।

बच्चों का दावा- हमें पूरी तरह वंचित किया गया

10 सितंबर को करिश्मा कपूर के बच्चों ने अदालत में याचिका दायर कर अपने पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिय कपूर ने संजय कपूर की वसीयत को फर्जी तरीके से तैयार किया और संपत्ति पर पूरा नियंत्रण हासिल करने की कोशिश की।

संजय कपूर की मौत 12 जून 2025 को इंग्लैंड में एक पोलो मैच के दौरान हुई थी। प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि उन्हें मधुमक्खी के काटने से एनाफिलेक्टिक शॉक हुआ, लेकिन बाद में कोरोनर ने इसे हृदय रोग से हुई प्राकृतिक मौत बताया।

याचिका में कहा गया है कि प्रिय कपूर ने पहले किसी वसीयत के अस्तित्व से इनकार किया था, फिर अचानक 21 मार्च 2025 की वसीयत पेश की, जिसमें पूरी निजी संपत्ति उन्हीं के नाम कर दी गई है। बच्चों ने अदालत से इस वसीयत को रद्द घोषित करने, संपत्ति का विभाजन करने और प्रिय कपूर द्वारा किसी भी संपत्ति के हस्तांतरण या बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।

गौरतलब है कि करिश्मा कपूर और संजय कपूर की शादी 2003 में हुई थी। 13 साल बाद 2016 में तलाक हुआ और बच्चों की अभिरक्षा करिश्मा को मिली। इस विवाह से संजय के दो बच्चे हैं- समायरा (20 वर्ष) और कियान (14 वर्ष)।

संपत्ति विवाद में प्रतिवादियों में प्रिय कपूर, उनका बेटा अजारियस, संजय की मां रानी कपूर और वसीयत की कथित कार्यवाहक श्रद्धा सूरी मरवाह शामिल हैं।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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