Friday, October 10, 2025
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कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल से भरी बोतल! ट्रेन दुर्घटना कराने की साजिश कौन रच रहा है?

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास रविवार को एक बड़ा रेल हादसा उस समय टल गया, जब प्रयागराज-भिवानी कालिंदी एक्सप्रेस ट्रैक पर रखे एक एलपीजी सिलेंडर से टकरा गया। एलपीजी सिलेंडर को अनवरगंज-कासगंज रेलवे ट्रैक पर बीच में रखा गया था। लोको पायलट की सूझबूझ से अनहोनी टल गई।

सामने आई जानकारी के अनुसार दुर्घटनास्थल से एलपीजी सिलेंडर के पास ही पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस भी मिली है। बताया जा रहा है कालिंदी एक्सप्रेस का इंजन ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गया। सिलेंडर रेल इंजन से टकराने के बाद उछलकर दूर जा गिरा और फटने से बच गया।

जांच शुरू…कौन रच रहा ऐसी साजिश?

दुर्घटना के टलने के बाद अब आरपीएफ और जीआरपी पूरे मामले की जांच में जुटी है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जांच टीम साक्ष्य जुटा रही है। रविवार (8 सितंबर) शाम से रात 8:30 बजे तक मौके पर सक्रिय फोन नंबरों को ट्रेस किया जा रहा है। इस बीच सवाल फिर से उठने लगे हैं कि क्या वाकई देश में बड़ी ट्रेन दुर्घटना कराने की साजिश रची जा रही है। अगर ऐसा है तो फिर इसके पीछे कौन लोग हैं? दरअसल हाल में जिस तरह छोटे-मोटे वाकये सामने आए हैं, उससे साजिश का अंदेशा बढ़ता जा रहा है।

रिकॉर्ड के तौर पर पिछले ही महीने 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश के कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इसकी पुष्टि रेलवे बोर्ड ने की थी। हादसा 17 अगस्त की देर रात 2:30 बजे कानपुर रेलवे स्टेशन के पास हुआ था। तब वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस (19168) गोविंदपुरी के पास पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ था।

रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया था, ‘लोको पायलट के अनुसार इंजन के कैटल गार्ड (अगले हिस्से) पर एक पत्थर गिर गया, जिसके कारण वह बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर पलट गया।’ इस मामले की भी जांच अभी जारी है।

साबरमती एक्सप्रेस वाली घटना के तीन दिन बाद ही 20 अगस्त को अलीगढ़ में दिल्ली-कानपुर फ्रेट कॉरिडोर के रेलवे ट्रैक पर एक एलॉय व्हील मिलने की बात सामने आई थी। रिपोर्ट्स अके मुताबिक यह एलॉय व्हील रोरावर थाना क्षेत्र के तालसपुर इलाके में रेलवे ट्रैक पर रखा गया था। घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी और रोरावर पुलिस मौके पर पहुंच गई और एलॉय व्हील को रेलवे ट्रैक से हटा दिया गया था। बहरहाल, सवाल अभी भी कायम है कि ये सब सुनियोजित तरीके से कोई करा रहा है तो वो कौन लोग हैं? इसका खुलासा एजेंसियों की जांच के बाद ही हो सकेगा।

रेल राज्य मंत्री ने कही थी ‘षड्यंत्र’ की बात

अलीगढ़ वाले वाकये के ठीक बाद केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं की जांच में ‘कुछ खतरनाक बातें’ और ‘षड्यंत्र’ सामने आए हैं।

रेल राज्य मंत्री ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था, ‘दुर्घटनाओं के कारणों की जांच में कुछ खतरनाक चीजें सामने आ रही हैं…कल (अलीगढ़ में रेलवे ट्रैक पर) एक एलॉय व्हील पाया गया। इसका मतलब है कि बड़ी साजिशों का भी खुलासा हो रहा है।’

उन्होंने इसी बयान में आगे कहा था, ‘चूंकि नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बने हैं, इसलिए कहीं न कहीं विदेशों में कुछ लोगों द्वारा देश की जीवन रेखा रेलवे को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है।’ मंत्री ने कहा कि हाल की रेल दुर्घटनाएं संकेत देती हैं कि ये ‘जानबूझकर’ की गईं।

हाल में सामने आई हैं कई ऐसी घटनाएं

पिछले महीने 17 अगस्त की रात को कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया था। इसके तुरंत बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि रेलवे ट्रैक पर रखी किसी वस्तु की वजह से ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना हुई। बाद में जांच अधिकारियों द्वारा यह खुलासा किया गया कि रेलवे ट्रैक का एक टूटा हुआ टुकड़ा रेल लाइन पर रखा गया था।

हाल ही में नैनपुर जबलपुर ट्रेन के इंजन के कछपुरा स्टेशन के पास ट्रैक पर रखे एक लोहे की छड़ से टकराने की बात सामने आई थी। ऐसे ही 20 अगस्त को अलीगढ़ के पास ट्रैक पर एलॉय व्हील रखने की बात सामने आई थी। मामले में 22 अगस्त को रेलवे पुलिस ने अफसान नाम के एक संदिग्ध को पकड़ा था।

वहीं, 23 अगस्त की रात कासगंज से फर्रुखाबाद के बीच चलने वाली फर्रुखाबाद एक्सप्रेस भी रेलवे ट्रैक पर रखे लकड़ी के बड़े लट्ठे से संपर्क में आने के बाद बड़े हादसे का शिकार होते-होते बच गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेन को अचानक झटका लगा, जिससे लोको पायलट को इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा और ट्रेन रोकनी पड़ी।

बाद में पता चला कि लकड़ी का एक बड़ा लट्ठा ट्रेन के इंजन के पास फंस गया था। इस मामले में एक स्थानीय किसान नेता के बेटे सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक देव सिंह और उसका पड़ोसी मोहन कुमार शामिल थे। दोनों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने चर्चा में आने के लिए ऐसा किया।

इसी तरह पिछले साल अक्टूबर में एक बड़ी रेल दुर्घटना टल गई थी। उदयपुर-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस की पटरी पर पत्थर और छड़ें रखी गई थीं। वहीं, इस महीने की शुरुआत में गुलजार शेख नाम के एक यूट्यूबर को वीडियो बनाने के नाम पर रेलवे ट्रैक पर साइकिल, साबुन, पत्थर और अन्य चीजें रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

यह भी पढ़ें- देश के उच्च न्यायालयों में 30 साल पुराने 62,000 से अधिक मामले लंबित

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