Friday, October 10, 2025
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IIT कानपुर की छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में घिरे एसीपी मोहसिन खान निलंबित

कानपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी- कानपुर) की एक पीएचडी छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसे एसीपी रैंक के अधिकारी मोहसिन खान को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। बताया गया है कि आरोपों के बाद एसीपी खान को डीजीपी मुख्यालय भेज दिया गया था। 

यह कार्रवाई विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा मामले में दायर रिपोर्ट के बाद की गई है। कानपुर पुलिस आयुक्त ने रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है।
रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार ने एसीपी मोहसिन खान को निलंबित किया है। पिछले हफ्ते पीड़िता ने डीजीपी प्रशांत कुमार को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की मांग की थी।

पीड़िता के पत्र के बाद उठ रहे थे सवाल

पीड़िता ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा था, ‘आरोपी खाकी वर्दी में है। इस कारण उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। उसके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई। उसने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी और चार्जशीट पर रोक लगवा ली है।’ 

पीड़िता ने साथ ही ‘आखिरी सांस तक’ लड़ने और आरोपी को सजा दिलाने की बात कही थी। पीड़िता ने कहा था, ‘आरोपी एसीपी की वजह से न सिर्फ मेरा करियर प्रभावित हुआ है, बल्कि मैं मानसिक अवसाद से भी ग्रस्त हूं। 20 मार्च को सुनवाई है। मैं अपना पक्ष मजबूती से रखूंगी, ताकि गिरफ्तारी और चार्जशीट पर रोक हट सके।’

20 मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई

सामने आई जानकारी के अनुसार मोहसिन खान निलंबन के बाद डीजीपी मुख्यालय लखनऊ से अटैच रहेंगे। निलंबन पत्र कानपुर पुलिस कमिश्नरेट को भेजा जाएगा, जिसके बाद विभागीय जांच शुरू होगी। इसके बाद सजा का निर्धारण किया जाएगा। वहीं, 20 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट तय करेगा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच होगी या नहीं।

मोहसिन खान ने जांच रोकने के लिए हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट कोई आदेश पारित कर सकता है। इससे पहले एसीपी ने 16 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। 

पीड़िता ने 12 दिसंबर 2024 को कल्याणपुर थाने में एसीपी मोहसिन खान के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद एसीपी को तत्काल प्रभाव से पुलिस मुख्यालय से अटैच कर दिया गया था। इसके बाद जांच एसआईटी को सौंप दी गई थी।

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