Friday, October 10, 2025
Homeभारतप्रशांत किशोर राजनीतिक व्यक्ति नहीं, व्यापारी हैं, बोले जीतन राम मांझी- पैसा...

प्रशांत किशोर राजनीतिक व्यक्ति नहीं, व्यापारी हैं, बोले जीतन राम मांझी- पैसा लेकर…

पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि सही अर्थ में वे राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं, वे व्यापारी हैं, जो पैसा लेकर बूथ मैनेजमेंट करते हैं।

प्रशांत किशोर को नेता नहीं समझतेः माझी

पटना में पत्रकारों से चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी से प्रशांत किशोर के विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “चुनाव लड़ने से कोई किसी को नहीं रोकता है। हाल ही में उपचुनाव हुआ, कितना वोट आया, कितनी सीट मिली? वह अपना भाग्य आजमा रहे हैं। लोकतंत्र है, कोई भी चुनाव लड़ सकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि हम लोग उनको राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं समझते हैं। वे नेता नहीं, व्यापारी हैं। पैसा लेकर बूथ मैनेज करते हैं।

इससे पहले, जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीमार बताया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, उनका हेल्थ बुलेटिन जारी किया जाना चाहिए।

प्रशांत किशोर खुद मानसिक रूप से बीमार हैंः जीतन राम मांझी

इस बयान पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रशांत किशोर खुद मानसिक रूप से बीमार हैं, उनके अंदर पैसे की गर्मी है। इधर-उधर से उन्होंने बहुत पैसा कमा लिया है, जिसकी वजह से इतना उछल रहे हैं।

हाल ही में विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों को पराजय का मुंह देखना पड़ा है। इन सभी सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी विजयी हुए थे। प्रशांत किशोर बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन भी कर चुके हैं।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा