Friday, October 10, 2025
Homeभारतगुमला में मुठभेड़ के बाद 5 लाख का इनामी नक्सली फिरोज अंसारी...

गुमला में मुठभेड़ के बाद 5 लाख का इनामी नक्सली फिरोज अंसारी गिरफ्तार, हथियार और 350 गोलियां जब्त

रांचीः झारखंड के गुमला जिले की पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन जेजेएमपी (झारखंड जनमुक्ति परिषद) के पांच लाख के इनामी नक्सली फिरोज अंसारी को जंगल में एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक 303 रायफल, 200 राउंड कारतूस, 7.62 एमएम के 150 कारतूस, तीन स्मार्टफोन, दो कीपैड फोन, दो डायरी, एक मोबाइल चार्जर, इंटरनेट का राउटर और एक पिट्ठू बैग जब्त किया गया है।

गुमला के एसपी हारिस बिन जमां ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। बताया गया कि नक्सली संगठन में फिरोज अंसारी का ओहदा सब जोनल कमांडर का था। उसके खिलाफ पुलिस फाइल में 11 मामले दर्ज हैं।

खुफिया सूचना के बाद चला सर्च ऑपरेशन

एसपी के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि बिशुनपुर थाना क्षेत्र के घाघरा जंगल में जेजेएमपी के सुप्रीमो रवींद्र यादव हथियारबंद दस्ते के साथ जमा हुआ है और किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है। इस सूचना के आधार पर कार्रवाई के लिए उन्होंने गुमला के एसडीपीओ सुरेश प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की।

इस टीम ने घाघरा जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो कुछ लोग हथियारों के साथ दिखे। पुलिस को देखते ही सभी भागने लगे। पुलिस ने उन्हें खदेड़ा तो उनमें से एक को पकड़ने में सफलता मिली, जिसकी पहचान फिरोज अंसारी के रूप में हुई। 35 वर्षीय फिरोज अंसारी लोहरदगा के जोबांग थाना क्षेत्र के रूबेद गांव का रहने वाला है।

फिरोज अंसारी इसके पहले भाकपा माओवादी नक्सली संगठन से जुड़ा रहा है। वह पूर्व में दो साल जेल में भी रह चुका है। उसे गिरफ्तार करने वाली टीम में सर्किल इंस्पेक्टर विनय कुमार, बिशुनपुर थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह, घाघरा थाना प्रभारी पुनीत मिंज, एसआई तरूण कुमार, मो. जहांगीर एवं अन्य शामिल रहे।

इससे पहले 18 जून को इसी नक्सली संगठन के एक सब जोनल कमांडर बैजनाथ सिंह ने लातेहार जिला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा