रांचीः झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया। यह घटना रविवार, 14 सितंबर को हुई। पुलिस ने घटना की पुष्टि की है।
पुलिस ने हालांकि मारे गए नक्सली की पहचान आधिकारिक रूप से अभी तक नहीं बताई है। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि बहुत संभावना है कि मुखदेव यादव है। मुखदेव प्रतिबंधित समूह तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति का कमांडर है और उस पर 5 लाख रुपये का इनाम है।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से एक इंसास (INSAS) राइफल बरामद की है।
सुबह करीब 7 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन
यह घटनाक्रम सुबह करीब सात बजे शुरू हुआ। इस ऑपरेशन के दौरान 200 से अधिक सुरक्षाकर्मी शामिल थे। इसमें कमांडो बटालियन फॉर रिसोल्यूट एक्शन (CoBRA), झारखंड जगुआर और पलामू पुलिस इकाई के सुरक्षाकर्मी शामिल थे।
इंडियन एक्सप्रेस ने पलामू जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) रीष्मा रमेसन के हवाले से लिखा “कोबरा, झारखंड जगुआर और पलामू पुलिस तथा शशिकांत के नेतृत्व वाले टीएसपीसी दस्ते के बीच गोलीबारी हुई, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम था। इंसास राइफल के साथ एक शव बरामद किया गया है। बहुत संभावना है कि यह शव मुखदेव यादव का हो लेकिन इसकी अंतिम पुष्टि परिवार द्वारा शव की पहचान के बाद ही हो पाएगी।”
सुरक्षाबलों द्वारा यह अभियान बीते दिनों दो पुलिसकर्मियों के मारे जाने और एक पुलिसकर्मी के गंभीर रूप से घायल होने के दो हफ्ते बाद चलाया गया है। दो पुलिसकर्मियों की मौत भी टीएसपीसी दस्ते के खिलाफ जारी माओवाद विरोधी अभियान के दौरान हुई थी। यह घटना मनातू पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले केदल जंगल में हुई थी।
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केदल के जंगल में माओवादियों के डेरा डालने और हमले को अंजाम देने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद यह अभियान शुरु किया गया था। सुरक्षाबल जैसे ही आगे बढ़े, उन पर भारी गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में हैदरनगर के संतन कुमार मेहता और सुनील राम की मौत हो गई जबकि एक अन्य जवान रोहित कुमार बुरी तरह से जख्मी हो गए। डॉल्टनगंज में उनकी सर्जरी की जा रही है।
झारखंड में सुरक्षाबलों ने चलाया माओवाद विरोधी अभियान
उसके बाद से सुरक्षाबलों ने मनातू, तरहसी और चतरा से सटे जंगलों में माओवादियों को बेअसर करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह अभियान कमांडर शशिकांत गंजू के नेतृत्व वाले टीएसपीसी दस्ते को निशाना बनाकर अंजाम दिया गया। ऐसा माना जाता है कि इस समूह में करीब 8-10 सदस्य सक्रिय हैं। अन्य माओवादियों की तलाश के लिए यह अभियान अभी भी जारी है।
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पलामू जिले की पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई को बड़ी सफलता बताया है और कहा है कि अभियान आगे भी जारी रहेगा। पलामू एसपी के मुताबिक, संगठन से जुड़े अन्य सदस्यों को जल्दी ही गिरफ्तार किया जाएगा या फिर उन्हें निष्प्रभावित करने का प्रयास जारी रहेगा।