पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा गरम है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सीट शेयरिंग होने के बाजवूद एनडीए में कुछ सीटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 सीटों को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं और भाजपा को इसपर फिर से विचार करने को कहा है।
इस बीच मंगलवार को सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक गोपाल मंडल का भी हाई वोल्टेज ड्रामा देखा गया। गोपालपुर सीट से लगातार चार बार के विधायक मंडल टिकट कटने की आशंका से इतने नाराज होकर मुख्यमंत्री से मिलने की मांग को लेकर सीएम आवास के बाहर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए।
गोपाल मंडल अपने समर्थकों के साथ नारेबाजी करते हुए सीएम आवास पहुंचे। जब सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बताया कि बिना अनुमति के अंदर प्रवेश नहीं किया जा सकता, तो उन्होंने मुख्य द्वार के पास ही जमीन पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बिना टिकट लिए नहीं जाऊँगाः गोपाल मंडल
गोपाल मंडल ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, “मैं मुख्यमंत्री से मिलना चाहता हूँ। मैं सुबह 08:30 बजे से यहाँ इंतजार कर रहा हूँ। मुझे चुनाव का टिकट मिलेगा। बिना टिकट लिए मैं यहाँ से नहीं जाऊँगा।”
मंडल ने आरोप लगाया है कि सीएम आवास के अंदर कुछ लोग बैठे हैं जो उनका टिकट काटने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था कि वह सीएम से मिलकर अपनी बात रखेंगे।
घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेरकर बैरिकेडिंग की और रस्सियों से घेरा बना दिया। इसके बावजूद जदयू के कुछ और नेता और कार्यकर्ता वहां पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
कुरथा, नविनगर और दरभंगा से आए जदयू कार्यकर्ताओं ने भी गोपाल मंडल के समर्थन में नारे लगाए। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कई लोगों ने वहीं धरना जारी रखा।
बता दें कि सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी सिर्फ जदयू तक सीमित नहीं है। जानकारी के मुताबिक एनडीए घटक दलों के बीच कुछ सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है, जिससे दोनों पक्षों में तनाव है। सीएम नीतीश कुमार ने 9 सीटों को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की है। पार्टी के कई लोग भी नराजा बताए जा रहे हैं। खबरों की मानें तो आज शाम एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हो सकती है।
राजद ने बांटे गए सिंबल लिए वापस, महागठबंधन में फंसा पेंच!
एनडीएम में तनातनी के बीच महागबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सोमवार को राजद ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया था लेकिन तेजस्वी की नाराजगी के बाद उम्मीदवारों के सिंबल वापस ले लिए गए।
सूत्रों के मुताबिक, ये सिंबल खुद लालू प्रसाद यादव ने बांटे थे, जबकि उनके बेटे और पार्टी नेता तेजस्वी यादव उस समय दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे।
इंडिया टुडे के अनुसार, कांग्रेस इस घटनाक्रम से नाराज बताई जा रही है। पार्टी ने अपनी नाराजगी तेजस्वी यादव तक पहुंचाई, जिसके बाद तेजस्वी ने पटना लौटते ही सभी राजद नेताओं को राबड़ी देवी के आवास बुलाकर सिंबल वापस करने को कहा।
तेजस्वी और कांग्रेस नेताओं के बीच सोमवार को दिल्ली में हुई अहम बैठक भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने कांग्रेस से कहा कि मौजूदा स्थिति में गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस 61 से 63 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। पार्टी का कहना है कि अगर सीटों की संख्या और कम की गई तो चुनावी लड़ाई कमजोर हो जाएगी। कांग्रेस खास तौर पर कहलगांव, नरकटियागंज, वासलीगंज जैसी परंपरागत सीटों को छोड़ने को तैयार नहीं है, जबकि राजद इन इलाकों को अपने लिए जरूरी मान रही है।
जानकारी के अनुसार,राजद ने कांग्रेस को कुल 61 सीटें देने पर तो सहमति जताई, लेकिन इन महत्वपूर्ण सीटों पर अड़ी रही। दिल्ली में बातचीत अटकने के बाद तेजस्वी यादव बिना किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात किए पटना लौट गए।
तेजस्वी की वापसी के बाद राबड़ी देवी के घर एक-एक कर सभी वे उम्मीदवार पहुंचे जिन्हें पहले सिंबल दिया गया था। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। पार्टी ने राजद के इस कदम पर असंतोष जताया है और यह संदेश तेजस्वी तक साफ तौर पर पहुंचाया गया है।
नामांकन की आखिरी तारिख में केवल 4 दिन बाकी
इधर, चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि में अब केवल चार दिन बाकी हैं, लेकिन न तो सत्तारूढ़ एनडीए और न ही विपक्षी इंडिया गठबंधन ने अपने उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी की है।
राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि टिकट बंटवारे की यह जंग अभी और गहराने वाली है, क्योंकि कई पुराने विधायकों को अपनी सीट दोबारा मिलने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।