Friday, October 10, 2025
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जम्मू क्षेत्र में आतंकियों पर बड़े एक्शन की तैयारी, सेना के 3000 अतिरिक्त जवानों और 500 विशेष बलों की तैनाती

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी घटनाओं के बढ़ने के बीच 400-500 पैरा स्पेशल फोर्स कमांडो के जवानों के साथ लगभग 3,000 सैन्य टुकड़ियों की एक ब्रिगेड को जम्मू क्षेत्र में नियुक्त किया गया है। रक्षा सूत्रों की ओर से यह जानकारी सामने आई है। यह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के अतिरिक्त ये नई तैनाती है जिसे लगभग सप्ताह पहले किया गया।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 50-55 आतंकवादियों को पकड़ने के लिए क्षेत्र में लगभग इन 500 पैरा स्पेशल फोर्स कमांडो को तैनात किया है। ये आतंकी घाटी में अशांति को एक बार फिर तेज करने के इरादे से पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ करके आए हैं।

आतंकवादियों को समर्थन देने वालों पर शिकंजा

द हिंदू ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि खुफिया एजेंसियों ने भी ताजा हालात को देखते हुए क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। यह कोशिश की जा रही है कि क्षेत्र में आतंकवादियों का समर्थन करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स पर नजर और पैनी की जाए। सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों के अलावा जमीन पर सेना के अधिकारी अत्याधुनिक हथियारों और संचार उपकरणों से लैस होकर आए इन आतंकवादियों की तलाश और उन्हें खत्म करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

गौरतलब है कि सोमवार को जम्मू के डोडा इलाके में एक मुठभेड़ में एक कैप्टन और एक जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मी सहित चार सुरक्षाबन मारे गए। कठुआ में पांच सैनिकों के मारे जाने की घटना के एक हफ्ते के भीतर डोडा का हमला हुआ था।

जम्मू की तरफ बढ़ी है आतंकी गतिविधियां

बता दें कि चीन के साथ गतिरोध बढ़ने के बाद दस राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के ‘यूनिफॉर्म फोर्स’ डिवीजन को पूर्वी लद्दाख में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसी दौरान आतंकवाद कश्मीर से जम्मू की ओर बढ़ रहा था। हर आरआर बटालियन में आमतौर पर 15,000 से 20,000 सैनिक होते हैं।

हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का एक बदला ट्रेंड नजर आया है। पीर पंजाल के दक्षिण में हाल में कई हमले हुए है, जो 2000 की शुरुआत की याद दिलाता है जब यह क्षेत्र आतंकवाद का मुख्य केंद्र बन गया था। अधिकारियों ने बताया कि सीमा पार से आतंकवादी घुसपैठ के बाद कश्मीर घाटी में प्रवेश करने से पहले उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ और भद्रवाह इलाकों के ऊपरी इलाकों में घूम रहे हैं। पीर पंजाल का इलाका 3000 से 14,500 फीट की ऊंचाई, पहाड़ी और घने जंगलों की वजह से बेहद कठिन माना जाता है।

पीर पंजाल के दक्षिण में जम्मू क्षेत्र में विश्वसनीय जमीनी खुफिया जानकारी की भी सुरक्षाबलों के पास कमी है। इससे मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सूत्रों के अनुसार आतंकवादी चीन निर्मित एन्क्रिप्टेड सैटेलाइट फोन का उपयोग कर रहे हैं जिससे उनका पता लगाना और मुश्किल हो गया है। इन फोन से उपग्रह के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है और दूर से नियंत्रित भी किया जा सकता है। इस वजह से भी आतंकियों के ठिकानों के बारे में पता लगाने में समय लग रहा है।

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