श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षा बल लगातार आतंकवादियों के खिलाफ बड़े अभियान चला रहे हैं। शुक्रवार देर शाम उधमपुर जिले के एक सुदूर जंगल में हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए एक सैनिक ने शनिवार को दम तोड़ दिया।
अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर जिले के डूडू-बसंतगढ़ और डोडा के भद्रवाह के सीमावर्ती सेओजधार जंगलों में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की संयुक्त टीम पर आतंकियों ने अचानक फायरिंग कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसने शनिवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
माना जा रहा है कि इलाके में दो से तीन आतंकवादी छिपे हैं, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं। घटना के बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आतंकवादियों को ट्रैक करने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों के साथ अतिरिक्त बल को तैनात किया गया है।
आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम पर हमला
भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने जानकारी दी कि किश्तवाड़ में भी एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन चल रहा है, जहाँ 19 सितंबर को सैनिकों का आतंकवादियों से संपर्क हुआ था। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई और अभियान अभी भी जारी है।
वहीं, पुंछ जिले में एक और सफल संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि पुंछ सेक्टर में एक एके सीरीज का हथियार, 4 एके मैगजीन, 20 हैंड ग्रेनेड और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की गई है।
सुरक्षा बल अब सिर्फ आतंकवादियों को ही नहीं, बल्कि उनके ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs), हमदर्दों, मादक पदार्थ तस्करों और हवाला रैकेट चलाने वालों पर भी कार्रवाई कर रहे हैं। एजेंसियों का मानना है कि ड्रग्स और हवाला के जरिए मिलने वाला पैसा ही आतंकवादियों की फंडिंग का मुख्य स्रोत है। इस संशोधित रणनीति का मकसद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को पूरी तरह से खत्म करना है।
हाल के आतंकी विरोधी अभियान
गौरतलब है कि सुरक्षाबल राज्य में आतंकियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। 8 सितंबर को कुलगाम में ऑपरेशन गुड्डर के दौरान दो लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मारे गए थे। इस दौरान दो सैनिक शहीद हो गए थे। शहीद जवानों की पहचान कैथल के लांस नायक नरेंद्र सिंधु और उत्तर प्रदेश के पैरा कमांडो प्रभात गौड़ के रूप में हुई थी।
इसी तरह अगस्त में भी दो बड़े ऑपरेशन चलाए गए थे। गुरेज सेक्टर में 26 अगस्त को दो आतंकवादियों को ढेर किया गया, जिसमें ‘ह्यूमन जीपीएस’ नाम से कुख्यात बागु खान भी शामिल था। ऑपरेशन अखाल के तहत 1 से 12 अगस्त तक कुलगाम में एक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हारिस डार को भी मार गिराया गया था।
हाल ही में शोपियां के रहने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अमीर अहमद डार और एक विदेशी आतंकवादी रहमान भाई को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।