Friday, October 10, 2025
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जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों ने सामाजिक कार्यकर्ता की गोली मार की हत्या

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में रविवार को संदिग्ध आतंकवादियों ने 45 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गुलाम रसूल मगराय (Ghulam Rasool Magray) की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना शनिवार देर रात कंडी खास इलाके में उनकी आवासीय झोपड़ी के भीतर हुई। गंभीर हालत में उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया, जहाँ तत्काल मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने हमले के पीछे के मकसद का अभी तक पता नहीं लगा पाया है।

यह घटना घाटी में पहलगाम हमले के बाद सामने आई है। 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन में हुए घातक आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षबालों ने आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की है ।

48 घंटों में 6 आतंकियों के घर ध्वस्त

अधिकारियों के अनुसार, पिछले 48 घंटों में 6 आतंकियों या उनके समर्थकों के घर ध्वस्त किए गए हैं। इनमें पुलवामा के अहसान उल हक, जिन्होंने 2018 में पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया और हाल ही में घाटी में घुसे, शोपियां के वरिष्ठ लश्कर-ए-तैयबा कमांडर शाहिद अहमद कुट्टे, कुलगाम के संदिग्ध आतंकी जाकिर अहमद गनी व कुपवाड़ा के कलारूस क्षेत्र में पाकिस्तान स्थित फारूक अहमद तेदवा और मिस्कीन अहमद तेदवा के मकान शामिल हैं।

इन घरों को सुरक्षा बलों ने आईईडी विस्फोट और बुलडोजर के माध्यम से ध्वस्त किया। साथ ही, घाटी में बड़े पैमाने पर छापेमारी, छिपे ठिकानों की जांच और सैकड़ों ओवरग्राउंड वर्करों की हिरासत भी जारी है।

वहीं, खुफिया एजेंसियों ने घाटी में 14 स्थानीय आतंकियों एक सूची जारी की है जिसमें तीन हिज्बुल मुजाहिदीन, आठ लश्कर-ए-तैयबा और तीन जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध हैं। सूत्रों के मुताबिक, 20 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के ये आतंकी सक्रिय रूप से पाकिस्तान से आए विदेशी आतंकियों को लॉजिस्टिक और जमीनी मदद उपलब्ध करा रहे हैं।

पहलगाम आतंकी हमला: एनआईए ने जांच का जिम्मा संभाला

इस बीच गृह मंत्रालय के निर्देश पर पहलगाम हमले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने संभाल लिया है। एनआईए की टीमें हमले के दूसरे दिन, 23 अप्रैल से ही घटना स्थल पर कैंप कर रही हैं। एजेंसी ने साक्ष्यों की तलाश की प्रक्रिया तेज कर दी है। जांचकर्ता अब तक केबलाइट फुटप्रिंट, गोला-बारूद के मलबे, सीसीटीवी फुटेज और शहीदों के अंतिम संवाद सहित हर सबूत इकट्ठा कर रहे हैं, ताकि हमले के पीछे के मकसद और चेहरों का शीघ्र पता लगाया जा सके।

 

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