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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सैन्य बलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। इससे पहले शोपियां में मंगलवार को सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। सैन्य बलों ने इस ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन केलर’ रखा था। 

पुलवामा में सैन्य बलों को मिली सफलता के बारे में एक अधिकारी ने जानकारी दी। ऑपरेशन केलर में मारे गए तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुडे़ हुए थे। लश्कर-ए-तैयबा एक प्रतिबंधित संगठन है। ऑपरेशन केलर के दौरान मारे गए तीन आतंकियों में से शाहिद कुत्ती और अदनान शफी शोपियां के रहने वाले थे।

आतंकियों के गिराए गए थे घर 

पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के बाद इन दोनों के घर गिरा दिए गए थे। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में 26 लोगों की जान गई थी जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। 

लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित तीनों आतंकियों को मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए। इनमें राइफल्स, ग्रेनेड और बुलेट थीं। 

ऐसा माना जा रहा है कि ये हथियार इन आतंकियों के पास थे जो केलर के घने जंगलों में छिपे हुए थे। ऑपरेशन केलर खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया था। इसकी जानकारी राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा की गई थी कि क्षेत्र में आतंकी छिपे हो सकते हैं। 

सैन्यबल हैं अधिक सतर्क

ऑपरेशन केलर इस साल कश्मीर में आंतकवाद के विरुद्ध एक बड़ा अभियान था। इससे पहले इसी तरह के एक अभियान में 16 मार्च को हंदवाड़ा में एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया था। 

इन दिनों सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में अधिक सतर्क हैं। छह और सात मई की दरम्यानी रात भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सुरक्षाबल तैनात हैं। भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में यह कार्रवाई की थी। इसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से भारत पर ड्रोन और मिसाइल से हमले के प्रयास किए गए जिसका जवाब भारत ने तत्परता से दिया। 

इसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौता हो गया। 

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