Friday, October 10, 2025
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श्रीनगर: आतंकी मुठभेड़ में फंसे 2 ट्रैकरों ने डायल किया 100, सेना ने रोकी फायरिंग

जम्मू: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने क्षेत्र में ट्रेकिंग करने वाले लोगों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें सलाह दी है कि वे जंगलों में या उनके आसपास किसी भी ट्रेक पर जाने से पहले स्थानीय पुलिस को सूचित करें। श्रीनगर के पास जबरवान जंगलों में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान उठाए गए एहतियाती उपायों के तहत सुरक्षा बलों ने यह कदम उठाया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हाल ही में एक ऑपरेशन के दौरान दो ट्रेकर्स जंगल में फंस गए थे। इस दौरान अचानक गोलीबारी शुरू हुई, तब ये ट्रेकर्स परेशान हो गए और तुरंत पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल कर मदद मांगी। नियंत्रण कक्ष ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। इसके बाद सेना को भी इसके बारे में बता दिया गया।

अखबार ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है कि इस सूचना के बाद सेना ने थोड़ी देर के लिए ऑपरेशन रोक दिया। इससे दोनों ट्रेकर्स सुरक्षित बाहर निकल सके। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्रेकिंग क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त सतर्कता बरतने पर जोर दिया है।

बता दें कि जबरवान रेंज श्रीनगर के पास स्थित एक लोकप्रिय ट्रेकिंग स्थल है, जहां अक्सर स्थानीय और बाहरी ट्रेकिंग प्रेमी घूमने आते हैं। हालांकि, यहां की बदलती सुरक्षा स्थितियों को देखते हुए पुलिस ने तय किया है कि ट्रेकिंग गतिविधियों से जुड़े सभी लोगों को किसी भी अनहोनी से बचाने के लिए जरूरी सुरक्षा उपाय किए जाएं।

हाल के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में यह देखा गया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के चलते कभी भी किसी आपात स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे हालात में, जब गोलीबारी शुरू हो जाती है, तो ट्रेकिंग करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका स्थान और उनकी गतिविधियों की जानकारी पुलिस को पहले से ही होनी चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के जंगलों में कार्रवाई से आम लोगों को भी खतरा

पुलिस अधिकारियों ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि इलाके में आतंकवादियों की सूचना के आधार पर ही सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान, जैसे ही ट्रेकर्स ने गोलीबारी की आवाज सुनी, उन्होंने फौरन पुलिस से संपर्क किया था।

इससे यह साबित होता है कि जंगल के इलाके में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के चलते कई बार आम लोगों की जान को खतरा हो सकता है। इस तरह की घटनाओं को दोबारा रोकने के लिए ही पुलिस ने ट्रेकर्स से अपील की है कि वे ट्रेकिंग शुरू करने से पहले अपने स्थान की जानकारी पुलिस को दे दें।

इस मुठभेड़ के दौरान हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं है और पुलिस ने बताया कि आतंकवादी गोलीबारी के बाद इलाके से भाग निकले। फिर भी, इलाके में ऐसे खतरों के कारण पुलिस ने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ट्रेकिंग गतिविधियों के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

पुलिस का मानना है कि यदि ट्रेकिंग करने वाले लोग अपने स्थान की जानकारी समय पर देंगे, तो न सिर्फ उनकी सुरक्षा हो सकेगी, बल्कि सुरक्षा बलों को भी क्षेत्र में ऑपरेशन के दौरान किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

केशवान के जंगलों में मुठभेड़ में एक जेसीओ की मौत

कुछ और मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस घटना के साथ ही जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में केशवान के जंगलों में सात नवंबर से ही एक अन्य मुठभेड़ चल रही है।

इस मुठभेड़ में सेकेंड पैरा एसएफ के चार जवान घायल हो गए और एक जूनियर कमीशन ऑफिसर (जेसीओ) राकेश कुमार की मौत हो गए है। यह मुठभेड़ कश्मीर टाइगर्स नामक आतंकी समूह के खिलाफ चलाई जा रही है। यही समूह कुछ दिन पहले दो विलेज गार्ड की हत्या कर चुका है।

इस घटना ने फिर से जंगलों में ट्रैकिंग पर जाने वाले लोगों को सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है। पिछले कुछ दिनों में घाटी में लगातार आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं। एक से नौ नवंबर के बीच विभिन्न क्षेत्रों में कई मुठभेड़ों में आठ आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया।

सोपोर, बांदीपोरा, और श्रीनगर जैसे क्षेत्रों में लगातार मुठभेड़ें हो रही हैं, जिसमें आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सुरक्षाबलों ने आम जनता से अपील की है कि वे जंगलों और ऊंचे इलाकों में जाने से पहले स्थानीय पुलिस को सूचित करें, जिससे किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

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