Thursday, October 9, 2025
Homeखेलकूद18 साल की शीतल देवी ने पैरा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में जीता...

18 साल की शीतल देवी ने पैरा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में जीता स्वर्ण पदक, दुनिया की नंबर एक तीरंदाज को हराया

शीतल ने इससे पहले 2024 पेरिस पैरालिंपिक में मिश्रित टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था और सबसे कम उम्र की भारतीय पैरालिंपियन पदक विजेता बनी थीं।

भारत की शीतल देवी ने शनिवार (27 सितंबर) को ग्वांगजू में पैरा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए तुर्किये की दुनिया की नंबर एक तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 से हराकर महिला कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिया। इस प्रतिस्पर्धा में शीतल देवी एकमात्र तीरंदाज हैं, जो बगैर बाहों के खेलती हैं। वे पैरों की मदद से तीरंदाजी करती हैं।

जम्मू-कश्मीर से आने वाली शीतल का इस प्रतिस्पर्धा में यह तीसरा पदक है। इससे पहले उन्होंने टोमन कुमार के साथ मिलकर ग्रेट ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहैम और नाथन मैकक्वीन को 152-149 से हराकर मिश्रित टीम स्पर्धा का कांस्य पदक जीता था। कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में, शीतल और सरिता ने फाइनल में तुर्किये से हारने के बाद रजत पदक जीता।

बहरहाल, एकल फाइनल काफी रोमांचक रहा, लेकिन शीतल ने पूरे समय अपना संयम बनाए रखा। शुरुआती राउंड 29-29 से बराबरी पर था, जिसके बाद उन्होंने दूसरे राउंड में 10-10 की हैट्रिक लगाकर बढ़त हासिल कर ली और उसे 30-27 से जीत लिया। तीसरा राउंड भी मुकाबला 29-29 से बराबरी पर रहा, हालाँकि शीतल चौथे राउंड में एक अंक से हार गईं, फिर भी उन्होंने 116-114 की अपनी बढ़त बनाए रखी। निर्णायक फाइनल में, उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और 30 अंक के लिए तीन सटीक तीर लगाकर स्वर्ण पदक पक्का कर लिया।

सेमीफाइनल में जम्मू-कश्मीर की इस तीरंदाज ने ग्रेट ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहैम को 145-140 से हराकर अपना दबदबा पहले ही दिखा दिया था। यह खिताबी मुकाबला 2023 पिलसन विश्व चैंपियनशिप का ही एक तरह से रिप्ले था, जहाँ जोडी ने शीतल को 140-138 से मामूली अंतर से हराया था। इस बार शीतल ने बाजी पलटते हुए जीत हासिल की।

वहीं, कंपाउंड महिला ओपन टीम फाइनल में, शीतल और सरिता ने शानदार शुरुआत की, लेकिन अंततः तुर्की की ओजनूर क्यूर गिर्डी और बुर्सा फातमा उन की जोड़ी ने उन्हें 148-152 से हरा दिया। भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत की, और पहले राउंड में 38-37 से बढ़त बनाई और अपने पहले चार तीरों में से तीन में 10 अंक हासिल किए। हालाँकि, तुर्की की टीम ने दूसरे राउंड में वापसी की और तीन में 10 और एक में 9 अंक हासिल किए और स्कोर 76-76 पर बराबर कर दिया।

तीसरे चरण में भारतीय जोड़ी को संघर्ष करना पड़ा। तुर्की के 37 अंक की तुलना में भारतीय टीम 36 अंक बना सकी। अंतिम चरण में, गिर्डी और उन ने बिना गलती किए 40 में से 39 अंक बनाए, जबकि भारतीयों ने 36 अंक बनाए, जिसमें एक तीर का 7 के रिंग में लगना भी शामिल था, जिससे तुर्किये को चार अंकों के अंतर से स्वर्ण पदक जीतने का मौका मिल गया।

शीतल ने इससे पहले 2024 पेरिस पैरालिंपिक में मिश्रित टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था और सबसे कम उम्र की भारतीय पैरालिंपियन पदक विजेता बनी थीं। उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई पैरा खेलों में भी स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्हें 2023 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। शीतल देवी का जन्म फोकोमेलिया नाम की एक दुर्लभ स्थिति के साथ हुआ था, जिसमें हाथ नहीं होते।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा