Friday, October 10, 2025
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद 2000 से ज्यादा अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया: रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर अंजाद दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से अब तक दो हजार से ज्यादा अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को भारत से वापस भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार भारतीय अधिकारियों द्वारा चलाए गए देशव्यापी सत्यापन अभियान चलाए के बाद इन अप्रवासियों को वापस भेजा गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सूत्र ने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद लगभग इतनी ही बड़ी संख्या में कई अप्रवासी स्वेच्छा से देश छोड़ने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पहुंचे। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की थी। रिपोर्ट के अनुसार सूत्र ने बताया कि त्रिपुरा, मेघालय और असम में बांग्लादेश सीमा पर अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने की कार्रवाई हो रही है।

किन-किन राज्यों से भेजे गए अवैध अप्रवासी

रिपोर्ट के अनुसार सूत्र ने बताया कि गुजरात सबसे पहले अवैध प्रवासियों को वापस भेजने वालों में से एक था। जिन लोगों को वापस भेजा गया, उनमें से करीब आधे गुजरात से थे। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली और हरियाणा ने भी बड़ी संख्या में प्रवासियों को वापस भेजा है, जबकि बाकी को असम, महाराष्ट्र और राजस्थान से वापस भेजा गया है।

एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने बताया, ‘यह एक लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है और जिन राज्यों के शहरों में महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियां हैं, वहां ऐसे अवैध अप्रवासियों को उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद पकड़ा जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से इसमें तेजी आई है। गुजरात सबसे पहले इस दिशा में आगे बढ़ा, उसके बाद दिल्ली और हरियाणा का नंबर आया। जल्द ही अन्य राज्य भी भेजने लगेंगे। इस संबंध में गृह मंत्रालय के निर्देश स्पष्ट हैं और राज्य भी सहयोग कर रहे हैं।’

वायु सेना के विमानों से भेजे जा रहे बॉर्डर पर

सूत्र के अनुसार इन अवैध अप्रवासियों को भारतीय वायुसेना के विमानों से विभिन्न स्थानों से सीमा पर लाया जा रहा है और सीमा पर अस्थायी शिविरों में रखने के लिए बीएसएफ को सौंपा जा रहा है। सूत्र ने कहा कि उन्हें भोजन और जरूरत पड़ने पर कुछ बांग्लादेशी मुद्रा प्रदान की जाती है और कुछ घंटों की हिरासत के बाद उन्हें उनके देश में वापस भेज दिया जाता है।

त्रिपुरा, मेघालय और असम में सीमा पर हो रही कार्रवाई का जिक्र करते हुए एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसी धारणा बनी है कि इन राज्यों को इसलिए चुना गया है क्योंकि ये बीजेपी शासित हैं। लेकिन यह सच नहीं है। मेघालय में बीजेपी की संख्या छोटी है। इन राज्यों को इसलिए चुना गया क्योंकि इन राज्यों से लोगों को वापस भेजना आसान है। पश्चिम बंगाल में बॉर्डर की प्रकृति के कारण, जो अक्सर गांवों या घरों के बीच से होकर गुजरती है, और दोनों तरफ पारिवारिक संबंध होने के कारण, कानून और व्यवस्था जैसे मुद्दे उठने का डर था।’

सूत्रों के अनुसार अब तक ऑपरेशन सुचारू रूप से चल रहा है और बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) भी इसमें सहयोग दे रहा है।

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