Friday, October 10, 2025
Homeभारत'HAL ने रूस को नहीं भेजी कोई संवेदनशील तकनीक', NYT की रिपोर्ट...

‘HAL ने रूस को नहीं भेजी कोई संवेदनशील तकनीक’, NYT की रिपोर्ट को भारत ने बताया भ्रामक

नई दिल्ली: भारत ने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की उस रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें दावा किया गया था कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने रूसी हथियार एजेंसी को संवेदनशील तकनीक की आपूर्ति की है। भारत ने अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट को भ्रामक बताया है। साथ ही भारत ने रणनीतिक व्यापार पर अपने कानूनी और नियामक ढांचे के प्रति उसकी मजबूत प्रतिबद्धता की बात भी दोहराई।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार विदेश मंत्रालय ने कहा कि एचएएल ने सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया है। मंत्रालय ने कहा, ‘उक्त रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। इसने एक विशेष पॉलिटिकल नैरेटिव के अनुरूप मुद्दों को फ्रेम करने और तथ्यों को विकृत करने की कोशिश की है।’ एचएएल की ओर से इस संबंध में अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब 28 मार्च को न्यूयॉर्क टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी। इसमें कहा गया था कि ब्रिटिश एयरोस्पेस निर्माता कंपनी एचआर स्मिथ ग्रुप से एचएएल को लगभग 2 मिलियन डॉलर के ट्रांसमीटर, कॉकपिट उपकरण और अन्य संवेदनशील तकनीक मिले और ये चीजें कुछ ही दिनों में रूस के पास पहुंच गई। रूस के पास पहुंचने के दौरान इनके प्रोडक्ट कोड भी वही थे, जो ब्रिटिश कंपनी से एचएएल के पास पहुंचे थे। 

रिपोर्ट के अनुसार ये चीजों ऐसी हैं जिन्हें यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रूस को बेचने पर ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि एचआर स्मिथ कंपनी ब्रिटेन की रिफॉर्म यूके पार्टी (ब्रिटेन की एक राजनीतिक पार्टी) की बड़ी दानकर्ता है। कंपनी ने पिछले साल इस पार्टी को एक लाख तीस हजार डॉलर (करीब 1 करोड़ 11 लाख रुपये) दान दिए थे।

अमेरिकी अखबार के दावे के अनुसार उसने शिपिंग रिकॉर्ड की समीक्षा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश कंपनी एचआर स्मिथ ने 2023 और 2024 में एचएएल को प्रतिबंधित तकनीक की 118 खेपें भेजीं। इनकी कीमत 2 मिलियन डॉलर (17 करोड़ रुपये) थी।

रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में एचएल ने कथित तौर पर रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboroneexport) को उन्हीं पार्ट्स की 13 खेपें भेजीं। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट रूसी आर्म्स एजेंसी है, जिस पर अमेरिका और ब्रिटेन ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन खेपों की कीमत 14 मिलियन डॉलर से अधिक थी। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट कथित तौर पर एचएएल के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है।

आरोपों पर ब्रिटिश कंपनी ने क्या कहा?

इन सबके बीच एचआर स्मिथ के वकील निक वॉटसन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि बिक्री वैध थी और उपकरण ‘भारतीय खोज और बचाव नेटवर्क के लिए भेजे गए थे।’ कंपनी के अनुसार भेजी गई चीजें ‘जीवन रक्षक अभियानों के लिए हैं।’ वकील ने कहा कि ये चीजें ‘सैन्य उपयोग के लिए डिजाइन नहीं किए गए हैं।’

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा