नई दिल्लीः भारत और जापान के बीच चंद्रयान-5 मिशन के लिए बीते शुक्रवार (29 अगस्त) को हस्ताक्षर हुए। इस मिशन के अंतर्गत दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र का अन्वेषण करेंगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हुए।
चंद्रयान- 5 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित पदार्थों का अध्ययन करना है। इसके तहत दक्षिणी ध्रुव पर स्थायी रूप से छाया क्षेत्र के आसपास के क्षेत्र में चंद्र जल सहित चंद्रमा के वाष्पशील पदार्थों का अध्ययन करना है। इस मिशन को JAXA द्वारा अपने H3-24L प्रक्षेपण यान से प्रक्षेपित किया जाएगा। यह यान इसरो द्वारा निर्मित चंद्र लैंडर को ले जाएगा। यह चंद्र लैंडर जापान में निर्मित चंद्र रोवर को ले जाएगा। चंद्र लैंडर के विकास के अलावा इसरो चंद्र ध्रुवीय क्षेत्र में संचित वाष्पशील पदार्थों के अन्वेषण और इस मिशन के लिए वैज्ञानिक उपकरण विकसित करने के लिए जिम्मेदार है।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम नरेंद्र मोदी ने द योमिउरी शिंबुन को एक इंटरव्यू दिया जिसमें कहा “मुझे खुशी है कि भारत और जापान चंद्रयान श्रृंख्ला के अगले या LUPEX (चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण) मिशन के लिए हाथ मिला रहे हैं। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थायी रूप से छाया क्षेत्रों के बारे में हमारी समझ को गहरा करने में योगदान देगा।”
उन्होंने आगे कहा “अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो और जाक्सा के बीच में हमारा जी2जी सहयोग, हमारे उद्योगों और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। इससे एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बन रहा है जहां नवाचार दोनों ओर प्रवाहित हो रहा है- प्रयोगशालाओं से लेकर लांच पैड तक और अनुसंधान से लेकर वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों तक।”
वैज्ञानिक टीमें अंतरिक्ष सीमाओं को बढ़ाएंगी
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत और जापान की वैज्ञानिक टीमें अंतरिक्ष विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने का काम करेंगी। उन्होंने आगे कहा “और, हमारी साझेदारी अंतरिक्ष में न केवल हमारे क्षितिज का विस्तार करेगी बल्कि हमारे आसपास के जीवन को बेहतर बनाएगी।”
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा देश के वैज्ञानिकों के दृढ़ संकल्प, कठिन परिश्रम और नवाचार की कहानी है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान- 3 की चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर लैंडिंग से लेकर अंतरग्रहीय मिशनों में हमारी प्रगति तक भारत ने लगातार अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और यह भी निर्धारित किया कि अंतरिक्ष अंतिम सीमा नहीं बल्कि यह अगली सीमा है।
पीएम मोदी की जापान और चीन यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 और 30 अगस्त को जापान की आधिकारिक यात्रा पर हैं। जापान के प्रधानमंत्री इशिबा शिगेरू के निमंत्रण पर नरेंद्र मोदी भारत-जापान के 15वें वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं। इशिबा शिगेरू ने 29 अगस्त को शाम में प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी को औपचारिक गॉर्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया।
पीएम मोदी ने इस दौरान भारत और जापान के बीच दशकों पुरानी मित्रता को याद किया और महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की। इसके साथ ही आने वाले दशकों में पारस्परिक सुरक्षा और समृद्धि हेतु रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
जापान यात्रा के बाद पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।