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नया पश्चिमी विक्षोभ हो रहा सक्रिय, फिर बदलेगा मौसम; IMD ने जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली: उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी और लू के प्रकोप से जूझ रहा है। अप्रैल के महीने में ही तापमान में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है, जिससे आम लोगों का खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक, 15 से 17 अप्रैल तक गुजरात में, 16 से 18 अप्रैल तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है। इसके अलावा, राजस्थान में 18 अप्रैल तक लू का प्रकोप जारी रह सकता है। गर्मी की इन लहरों के चलते तापमान में वृद्धि होने और लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने लोगों से दिन के समय घर से बाहर कम निकलने और पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी है।

पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना

वहीं, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 16 से 20 अप्रैल तक तीव्र पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इसकी तीव्रता 18 और 19 अप्रैल को चरम पर होगी, जिसके चलते कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 18 और 19 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में ओलावृष्टि की आशंका है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी इस दौरान बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं चलने और बिजली चमकने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 18 से 20 अप्रैल के बीच गरज के साथ बारिश, बिजली और तेज हवाएं चल सकती हैं।

मानसून में खूब बरसेगी बरखा रानी

आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में बताया कि इस साल जून से सितंबर तक चलने वाले चार महीने के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस बार संचयी वर्षा दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) 87 सेंटीमीटर का 105 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यानी 2025 के मानसून सीजन में लगभग 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। यह सामान्य से अधिक बारिश का संकेत है, जो कृषि और जल संसाधनों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

महापात्र ने बताया कि इस साल अल नीनो की स्थिति विकसित होने की संभावना नहीं है, जो सामान्यतः कमजोर मानसून का कारण बनती है। उन्होंने कहा, “अल नीनो की अनुपस्थिति मानसून के लिए सकारात्मक संकेत है। इससे देश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।” 

मौसम विभाग ने यह भी दी चेतावनी 

हालांकि, मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि अप्रैल से जून के बीच उत्तर और मध्य भारत में लू के दिनों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। कई इलाकों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, जिससे बिजली की मांग बढ़ेगी और जल संकट गहरा सकता है। मौजूदा समय में उत्तर भारत के कई राज्यों, विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली में भीषण गर्मी का दौर जारी है। दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है, जिससे लोगों को घरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।

आईएमडी के अनुसार, मानसून सामान्यतः 1 जून के आसपास केरल के तट से भारत में प्रवेश करता है और जून के मध्य तक देश के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लेता है। सितंबर के अंत तक यह राजस्थान के रास्ते वापसी करता है। इस बार सामान्य से अधिक बारिश की संभावना ने लोगों में उम्मीद जगाई है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां गर्मी और सूखे की स्थिति चिंता का विषय बनती है।

 

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