नई दिल्लीः भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सितंबर महीने के लिए ज्यादा बारिश की संभावना जताई है। सितंबर महीने में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना जताई है। इससे इस वर्ष मानसून सीजन में और अधिक बारिश हो सकती है। लगातार हो रही बारिश ने दक्षिण भारत से लेकर पहाड़ी राज्यों तक विकराल रूप दिखाया है जिसमें आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा है।
मौसम विभाग (IMD) द्वारा रविवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, सितंबर महीने में देश के अधिकतर इलाकों में सामान्य से अधिक वर्षा (109 प्रतिशत से अधिक) बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है। हालांकि, इसमें कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश का भी अनुमान लगाया गया है। इनमें पूर्वोत्तर, पूर्वी, सुदूर दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ इलाके और उत्तर-पश्चिमी के कुछ हिस्से शामिल हैं।
उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा को चेतावनी
टाइम्स ऑफ इंडिया ने आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के हवाले से लिखा कि भारी बारिश से नई बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को लेकर चेतावनी दी है कि यहां पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ सकती है। इसके अलावा उन्होंने दक्षिणी हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान को लेकर भी चेतावनी दी है कि इन क्षेत्रों में भारी बारिश का असर हो सकता है।
उन्होंने उत्तराखंड को लेकर कहा कि यहां पर कई नदियां निकलती हैं। ऐसे में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है जिससे आम जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है। वहीं, नदियों में उफान आने से पानी शहरों, कस्बों और निचले इलाकों तक भी पहुंचने का अनुमान है, जिससे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
इसी तरह छत्तीसगढ़ में महानदी को लेकर भी चेतावनी दी है कि यहां भी भारी बारिश से नदी में ऊफान आ सकता है। गौरतलब है कि इस साल मानसून भी कुछ दिनों पहले आ गया था जिससे शुरूआती मानसून में ही दक्षिणी राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक में भारी बारिश देखी गई जिससे मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में जलभराव की स्थिति देखी गई। इसके साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश ने तबाही मचा दी थी। भारी बारिश के चलते पूर्वोत्तर के कई राज्यों (अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम) में भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई।
जम्मू, उत्तराखंड, हिमाचल समेत पूरे भारत में तबाही
पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही का मंजर ला दिया। जम्मू में भारी बारिश के चलते कई जिलों में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हुईं जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। हाल ही में जम्मू के वैष्णो माता मंदिर मार्ग में भूस्खलन के चलते 30 से अधिक लोग मारे गए। इसके अलावा रियासी जिले में घर ढहने से एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। रामबन जिले में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई थी।
इससे पहले किश्तवाड़ जिले के मचैल माता मंदिर के यात्रा मार्ग पर भी बादल फटने की घटना हुई थी। इस घटना में करीब 50 से अधिक लोग मारे गए थे और कई लोग गायब हैं।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी इस वर्ष भयंकर बारिश ने विकराल रूप दिखाया है जिससे वहां तबाही मच गई है। हिमाचल प्रदेश में इस साल भारी बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं।
इसी तरह पंजाब राज्य में भी दशकों बाद बाढ़ आई है। यहां नदियां उफान पर आ गई हैं जिससे कृषि क्षेत्र को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
IMD ने भारी बारिश की वजह क्या बताई?
IMD ने इस साल लगातार हो रही बारिश के कारण को सक्रिय मानसूनी परिस्थितियों को बताया। इन मानसूनी परिस्थितियों को पश्चिमी विक्षोभों की ओर से बढ़ावा मिला। महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक, 28 जुलाई से 14 अगस्त के बीच इन विक्षोभों के कारण पश्चिमी हिमालय समेत आसपास के मैदानी इलाकों में भारी बारिश हुई। इसके कारण उत्तरकाशी में अचानक बाढ़ आई और भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं।
भारी बारिश के चलते उत्तर प्रदेश और बिहार की नदियों में भी बाढ़ आई। महापात्र ने आगे बताया कि अगले करीब दो हफ्तों तक भारी बारिश की वजह निम्न दबाव प्रणालियां रहीं। इससे लंबे समय तक वर्षा हुई।