HomeखेलकूदICC ने टिम डेविड पर लगाया जुर्माना, बाहें फैलाकर अंपायर के फैसले...

ICC ने टिम डेविड पर लगाया जुर्माना, बाहें फैलाकर अंपायर के फैसले पर जताई थी नाराजगी

दुबई: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज टिम डेविड पर 28 जुलाई को सेंट किट्स में वेस्टइंडीज के खिलाफ पांचवें टी20 मैच के दौरान असहमति जताने के लिए मैच फीस का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। 

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के मुताबिक टिम डेविड ने आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन किया, जो ‘अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति जताने’ से संबंधित है।

बाहें फैलाकर जताई थी आपत्ति

यह घटना ऑस्ट्रेलियाई पारी के पांचवें ओवर में हुई, जब अल्जारी जोसेफ की लेग साइड में फेंकी गई गेंद को वाइड नहीं करार दिया गया। इसके जवाब में, डेविड ने विरोध में अपनी बाहें फैलाकर नाराजगी जताई। यह कृत्य आचार संहिता के तहत अनुचित माना गया।

चूंकि 24 महीने की अवधि में इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का यह पहला अपराध था, इसलिए जुर्माने के अलावा टिम डेविड पर एक डिमेरिट अंक भी लगाया गया।

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने आईसीसी अंतरराष्ट्रीय पैनल के मैच रेफरी रॉन किंग की ओर से प्रस्तावित दंड को स्वीकार कर लिया, जिससे औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी।

यह आरोप आधिकारिक तौर पर मैदानी अंपायर जाहिद बसराथ और लेस्ली रीफर, थर्ड अंपायर डेइटन बटलर और फोर्थ अंपायर ग्रेगरी ब्रैथवेट की ओर से लगाया गया था।

क्या हैं ICC के नियम?

आईसीसी के नियमों के अनुसार, लेवल-1 के उल्लंघन के लिए न्यूनतम दंड आधिकारिक फटकार और अधिकतम 50 प्रतिशत मैच फीस के साथ एक या दो डिमेरिट अंक दिए जाते हैं। अगर कोई खिलाड़ी 24 महीने की अवधि में चार या इससे अधिक डिमेरिट अंक पाता है, तो उस पर प्रतिबंध लग सकता है।

दो सस्पेंशन प्वाइंट्स का मतलब है कि खिलाड़ी को एक टेस्ट मैच या दो वनडे/टी20 मैचों से निलंबित किया जाएगा। यह इस पर निर्भर करता है कि अगला मुकाबला किस फॉर्मेट का है। डिमेरिट अंक खिलाड़ी के रिकॉर्ड में दो साल तक बने रहते हैं, उसके बाद उन्हें हटा दिया जाता है।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version