WhatsApp Hack: तकनीक के इस दौर में हैकरों की पहुंच से कुछ भी दूर नहीं है। अपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (End-to-End Encryption) और मजबूत सुरक्षा सुविधाओं का दावा करने वाला व्हाट्सऐप (WhatsApp) भी नहीं। साइबर अपराधी ऐप की सुरक्षा तोड़ने के बजाय, आपके फोन नंबर और व्यक्तिगत जानकारी में सेंधमारी करते हैं। भारत में 500 मिलियन से अधिक यूजर्स के लिए यह खतरा और भी बड़ा है, खासकर जब हम बैंकिंग और यूपीआई (UPI) लेनदेन के लिए इसी नंबर पर निर्भर रहते हैं। तो कैसे पहचानें और रोकें इन 10 सबसे बड़े खतरों को? आइए जानते हैं-
1. सिम स्वैपिंग या पोर्ट-आउट फ्रॉड
यह सबसे आम तरीका है। इसमें हैकर्स पीड़ित की पहचान बनाकर मोबाइल कंपनी को झांसा देते हैं या कर्मचारियों को रिश्वत देकर यूजर का नंबर अपने नाम पर नई सिम कार्ड में ट्रांसफर करा लेते हैं। इसके बाद उन्हें सभी SMS और व्हाट्सएप वेरिफिकेशन कोड मिलने लगते हैं।
भारत में यह फ्रॉड दिल्ली, यूपी, पुणे और मुंबई में सबसे ज्यादा देखा गया है। कई मामलों में इसे बैंकिंग और UPI ठगी में इस्तेमाल किया गया।
सुरक्षा उपाय: अपने मोबाइल कैरियर से SIM PIN या पोर्ट-आउट पासवर्ड सेट कराएं। अगर नेटवर्क अचानक बंद हो जाए तो सतर्क रहें और तुरंत सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें।
2. वेरिफिकेशन कोड फिशिंग
यह सबसे पुराना और प्रभावी तरीका है। हैकर्स आपको WhatsApp लॉगिन कोड भेजने का बहाना बनाकर खुद वही कोड मांग लेते हैं। वे खुद को दोस्त, परिवार या WhatsApp सपोर्ट बताकर झांसा देते हैं।
भारत में यह स्कैम आम है। यूज़र की कॉन्टैक्ट लिस्ट मिलने के बाद अपराधी उन्हीं के दोस्तों से पैसे मांगने जैसी ठगी करते हैं।
सुरक्षा उपाय: कभी भी किसी के साथ वेरिफिकेशन कोड शेयर न करें। Two-Step Verification चालू करें: Settings > Account > Two-step verification।
3. कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम
इसमें स्कैमर आपको झांसा देकर किसी कोड (जैसे 21
) से शुरू होने वाला नंबर डायल करवाते हैं, जिससे कॉल फ़ॉरवर्डिंग चालू हो जाती है। इससे WhatsApp की वॉइस वेरिफिकेशन कॉल भी उनके पास चली जाती है।
सुरक्षा उपाय: अपने फोन में *#21#
डायल करके कॉल फ़ॉरवर्डिंग चेक करें और ##21#
से बंद करें। किसी अनजान व्यक्ति द्वारा बताए गए कोड कभी न डायल करें।
4. QR कोड फिशिंग (Quishing)
हैकर्स फर्जी QR लिंक भेजते हैं जो असली WhatsApp Web की तरह लगते हैं। इन्हें स्कैन करने पर यूजर का सेशन उनके कंट्रोल में चला जाता है।
बेंगलुरु जैसे शहरों में यह जॉब स्कैम के रूप में देखा गया है।
सुरक्षा उपाय: QR केवल web.whatsapp.com से ही स्कैन करें। Settings > Linked Devices में जाकर अनजान डिवाइस से लॉगआउट करें।
5. मालवेयर और स्पायवेयर अटैक
कुछ हैकर्स आपके फोन में मैलिशियस ऐप या स्पायवेयर (जैसे Pegasus, Paragon) इंस्टॉल कर देते हैं जो WhatsApp डेटा चोरी कर लेते हैं। 2025 में ऐसे 90 से अधिक मामले रिपोर्ट हुए, जिनमें पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स को निशाना बनाया गया।
सुरक्षा उपाय: केवल भरोसेमंद ऐप ही डाउनलोड करें, ऑपरेटिंग सिस्टम और WhatsApp अपडेट रखें और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।
6. वॉयसमेल हैकिंग
अगर कोई व्हाट्सऐप वेरिफिकेशन कॉल मिस हो जाए, तो कोड वॉयसमेल में छोड़ दिया जाता है। कमजोर या डिफॉल्ट पिन वाले वॉयसमेल को हैक कर अपराधी कोड हासिल कर लेते हैं।
सुरक्षा उपाय: अपने वॉयसमेल के लिए मजबूत PIN सेट करें और समय-समय पर एक्सेस लॉग जांचें।
7. लिंक्ड अकाउंट एक्सप्लॉइट्स
मेटा के तहत आने वाले प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक या इंस्टाग्राम को हैक करके अपराधी व्हाट्सऐप को निशाना बनाते हैं। वे फर्जी ग्रुप इनवाइट या क्रिप्टो स्कैम के जरिए यूजर को फंसा लेते हैं। ऐसे में आपको करना ये है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें और संदिग्ध लिंक या ग्रुप से दूर रहें।
8. फिजिकल एक्सेस या डिवाइस क्लोनिंग
अगर आपका फोन चोरी हो जाए, तो हैकर्स सिम क्लोनिंग या बैकअप रिस्टोर के जरिए व्हाट्सऐप डेटा हासिल कर सकते हैं। तब जरूरी हो जाता है कि फिंगरप्रिंट लॉक या मजबूत PIN का इस्तेमाल करें। व्हाट्सऐप वेब से रिमोट लॉगआउट की सुविधा भी रखें।
9. क्लाउड बैकअप हैकिंग
गूगल ड्राइव या आई क्लाउड में बैकअप डेटा एन्क्रिप्टेड न हो तो कोई भी उसे रिस्टोर कर सकता है। इससे बचने के लिए आप WhatsApp में जाकर End-to-End Encrypted Backup चालू करें और क्लाउड अकाउंट पर मजबूत पासवर्ड और एमएफए लगाएं।
10. फेक या मॉडिफाइड WhatsApp ऐप
अक्सर यूजर असली ऐप की जगह WhatsApp Gold या GB WhatsApp जैसे थर्ड-पार्टी ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, जिनमें बैकडोर से डेटा चोरी किया जाता है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से ये अहम हो जाता है कि आप WhatsApp केवल Google Play Store, Apple App Store या web.whatsapp.com से डाउनलोड करें।
कैसे पहचानें कि आपका WhatsApp अकाउंट हैक हुआ है?
- ऐप से अचानक लॉगआउट होना या “registered on a new device” अलर्ट मिलना।
- बिना वजह वेरिफिकेशन कोड आना।
- अजनबी संदेश या अनजान ग्रुप में जुड़ जाना।
- दोस्तों को आपके नंबर से अजीब मैसेज या पैसे मांगने के अनुरोध मिलना।
- Linked Devices में अनजान लॉगिन दिखना।
- कुछ चैट अपने आप “read” दिखना जबकि आपने नहीं खोला हो।
अगर आपका अकाउंट हैक हो जाए तो क्या करें
- तुरंत अपने नंबर से WhatsApp दोबारा रजिस्टर करें ताकि हैकर लॉगआउट हो जाए।
- किसी और प्लेटफॉर्म पर अपने कॉन्टैक्ट्स को सूचित करें कि आपका अकाउंट हैक हुआ है।
- ऐप के Help > Contact Us सेक्शन से WhatsApp को रिपोर्ट करें।
- अगर SIM स्वैप या पोर्ट-आउट का शक हो, तो मोबाइल ऑपरेटर को तुरंत सूचित करें।
- अपने ईमेल, क्लाउड और सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड बदलें और MFA चालू करें।
- निकटतम साइबर थाने में शिकायत दर्ज करें या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन रिपोर्ट करें।