Saturday, October 11, 2025
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भारत में राष्ट्रपति कैसे और कहां डालते हैं वोट? राजेंद्र प्रसाद से शंकर दयाल शर्मा तक ने राष्ट्रपति रहते हुए क्यों नहीं किया था मतदान?

दिल्ली: लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शनिवार में भारत की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना मतदान किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मतदाताओं की कतार में लगीं और राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय के मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। छठे चरण में दिल्ली के सभी सात लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं। बहरहाल, मुर्मू उन चुनिंदा राष्ट्रपति की लिस्ट में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने किसी आम चुनाव में वोट डाला है।

शुरुआती नौ राष्ट्रपति ने नहीं दिया था वोट

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लेकर देश के नौवें राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा तक ने लोकसभा चुनाव में पद पर रहते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। यह कदम अपनी ‘राजनीतिक निष्पक्षता’ बनाए रखने के लिए उठाया गया था। राजेंद्र प्रसाद के बाद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, वीवी गिरि, फखरुद्दीन अली अहमद, एस वेंकटरमण, ज्ञानी जैल सिंह और नीलम संजीव रेड्डी ने भी किसी लोकसभा चुनाव या अन्य चुनाव में वोट नहीं डाला था। शंकर दयाल शर्मा ने भी इसी परंपरा को निभाया। हालांकि, इस दौरान राष्ट्रपतियों के परिजन वोट देते रहे।

भारत के 10वें राष्ट्रपति ने तोड़ी परंपरा

भारत के 10वें राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन ने 1998 के लोकसभा चुनाव में वोट डाला। इस तरह चुनाव में राष्ट्रपति के मतदान नहीं करने की परंपरा टूट गई। इसके बाद डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने 2004 और प्रतिभा पाटिल ने 2009 के लोकसभा चुनाव में मतदान किया। राष्ट्रपति अभी तक राष्ट्रपति भवन परिसर में गेट नंबर 31 के पास स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय के मतदान केंद्र पर अपना वोट डालते आए हैं। यहां पर राष्ट्रपति भवन में रहने वालों के लिए मतदान केंद्र बनाया जाता है।

के.आर. नारायणन ने यहीं अपना वोट डाला था। वहीं, रामनाथ कोविंद ने भी राष्ट्रपति पद पर रहते हुए इसी मतदान केंद्र पर वोट दिया। इन सबके बीच 2014 के चुनाव में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वोट नहीं डाला था। उस समय भी ‘राजनीतिक निष्पक्षता’ बनाए रखने की बात कही गई थी। प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद 2019 के चुनाव में अपना वोट डाला था।

गौरतलब है कि भारतीय संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति से लेकर देश के हर 18 वर्ष से ऊपर के नागरिक को मतदान का अधिकार है। पिछले साल के नवंबर में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी कृष्णमूर्ति राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे और उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करके उन्हें उनका नया बदले हुए पते के साथ बना वोटर आईडी कार्ड सौंपा था। वैसे, राष्ट्रपति के पास अधिकार होता है कि वो अपने पैतृक स्थान के लिए डाकमत पत्र से भी वोट डाल सकते हैं।

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