8th Pay Commission: भारत में आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में काफी कम समय बचा है। ऐसे में भारत के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगी इसके लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इसके लागू होने के बाद उनके वेतन में बढ़ोतरी होगी। वहीं, पेंशनभोगियों को मिलने वाली राशि में भी इजाफा होगा। इससे उनकी क्रय क्षमता बढ़ेगी और महंगाई से कुछ हद तक राहत मिलने की भी उम्मीद है। इससे लगभग एक करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को लाभ की उम्मीद है।
आमतौर पर नए वेतन आयोग की सिफारिशें नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी से लागू होती हैं। हालांकि, सरकार ने औपचारिक रूप से अभी तक आयोग का गठन नहीं किया है।
8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस साल की शुरुआत में 16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, सरकार की तरफ से अभी तक अध्यक्ष या सदस्यों के नामों की घोषणा नहीं हुई है और न ही संदर्भ शर्तों (ToR) की घोषणा की गई है।
टीओआर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जो पैनल के कार्यक्षेत्र, वेतन संरचना और भत्ते सहित अन्य जानकारी होती है। इसके बिना आयोग काम शुरू नहीं कर सकता जिससे वेतन में जल्दी संशोधन की संभावना कम है।
8वें वेतन आयोग को लेकर हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें फिटमेंट फैक्टर 1.96 रहने की उम्मीद है। इसके लागू होने के बाद अनुमानित बेसिक सैलरी में दोगुना वृद्धि की उम्मीद लगाई जा रही है। फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मियों की सैलरी और पेंशनधारियों को मिलने वाली राशि में सुधार के लिए उपयोग किया जाने वाला एक फॉर्मूला है।
इसके लागू होने से महंगाई भत्ता (डीए) और मकान किराया भत्ता (एचआरए) बढ़ने की भी उम्मीद है। इसके लिए करीब 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारी उम्मीद लगाए बैठे हैं। हालांकि, यह पूर्ण रूप से साल 2027 तक लागू होगा लेकिन 2026 में लागू होने के बाद कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल कर्मचारी की बेसिक सैलरी में गुणा करके नई बेसिक सैलरी के लिए किया जाता है। मिसाल के तौर पर छठे वेतन आयोग के समय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये था। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। ऐसे में कर्मचारियों का वेतन बढ़कर करीब 18 हजार रुपये (7,0000*2.57) हो गया था।
आठवें वेतन आयोग के लिए यह फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच रहने की संभावना है। हालांकि, कई रिपोर्ट्स में 1.96 की संभावना जताई गई है।
ऐसे में फिटमेंट फैक्टर 1.96 मानें तो 18 हजार बेसिक सैलरी पर यह वेतन लगभग 35 हजार रुपये हो जाएगा। इसमें डीए शामिल नहीं होता है हालांकि शहर में पोस्टिंग के मु्ताबिक एचआरए को शामिल किया जाता है।
यह फार्मुला लेवल-1 से लेकर लेवल 18 तक लागू होता है।
कुल सैलरी की गणना कैसे होगी?
उदाहरण के तौर पर मान लें छठे लेवल की सैलरी वाले एक सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30,000 रुपये है। डीए यदि बेसिक सैलरी का 58 फीसदी है। यदि कर्मचारी की तैनाती दिल्ली में है तो यहां एचआरए बेसिक सैलरी का 27 फीसदी होगा। ऐसे में
बेसिक सैलरी – 30,000 रुपये
डीए (58 फीसदी) – 17,400 रुपये
एचआरए (27 फीसदी) – 8,100 रुपये
कुल सैलरी – बेसिक सैलरी(30,000) +डीए(17400)+एचआरए(8100) = 55,500 रुपये
आठवें वेतन आयोग के मुताबिक,
बेसिक सैलरी – 58,800 रुपये
डीए रीसेट – 0
एचआरए – 15876 रुपये
नई सैलरी – बेसिक सैलरी (58,8000)+ डीए (0)+ एचआरए (15876) = 74676 रुपये