Friday, October 10, 2025
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‘कैसे पता आतंकी पाकिस्तान से आए’, पहलगाम आतंकी हमले को लेकर चिदंबरम के बयान पर हंगामा

नई दिल्ली: संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के एक इंटरव्यू में दिए गए बयान पर बड़ा राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। इस इंटरव्यू में चिदंबरम ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के मामले में आखिर ऐसे क्या सबूत हैं जो साबित करते हैं कि हत्यारे पाकिस्तान से आए थे। चिदंबरम ने कहा कि वे स्थायी आतंकी भी हो सकते हैं।

चिदंबरम के बयान पर भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताते हुए विपक्षी दल पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा ‘दुश्मनों की रक्षा’ के लिए हर संभव प्रयास करती है। चिदंबरम का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब आज से संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर मैराथन चर्चा होनी है। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस चर्चा की शुरुआत करेंगे।

चिदंबरम ने क्या कुछ कहा, जिस पर मचा बवाल?

द क्विंट वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि सरकार आतंकी हमले के बाद एनआईए द्वारा की गई जांच का खुलासा करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘क्या उन्होंने आतंकवादियों की पहचान की है? वे कहाँ से आए थे? मेरा मतलब है, जहाँ तक हम जानते हैं, वे स्थानीय आतंकवादी हो सकते हैं। आप यह क्यों मान लेते हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है।’

केंद्र और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पहलगाम में आतंकी हमले को अंजाम देते हुए 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या करने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे।

चिदंबरम ने सरकार पर पहलगाम हमले के बाद भारत के जवाबी हमले, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए ‘नुकसान को छिपाने’ का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘वे नुकसान को भी छिपा रहे हैं। मैंने एक कॉलम में कहा था कि युद्ध में दोनों पक्षों को नुकसान होगा। मैं समझता हूँ कि भारत को भी नुकसान हुआ होगा। खुलकर बताइए।’

चिदंबरम ने आगे कहा, ‘द्वितीय विश्व युद्ध में विंस्टन चर्चिल हर दूसरे दिन एक बयान देते थे। उन्हें जो भी नुकसान हुआ, ब्रिटेन को हुआ, उन्होंने उसे स्पष्ट किया। इसलिए, वे नुकसान को स्वीकार करने से हिचकिचा रहे हैं। लेकिन युद्ध में नुकसान स्वाभाविक है। इसलिए, नुकसान को स्वीकार कीजिए। मुझे लगता है कि वे ऐसा सोचते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर पर पर्दा डाल सकते हैं। यह काम नहीं करेगा।’

चिदंबरम ने आगे कहा कि सरकार सवालों से क्यों ‘बच रही’ है। उन्होंने कहा, ‘और प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर पर क्यों नहीं बोल रहे हैं? आपको क्या लगता है कि लोकतंत्र के मंदिर में बहस करने में इतनी हिचकिचाहट क्यों है? संसद तो यही है। आखिरकार, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया है। उन्होंने कई रैलियाँ की हैं।’

कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या सरकार इस बात से असहज है कि उनसे पूछा जाएगा कि युद्धविराम कैसे हुआ। उन्होंने कहा, ‘क्योंकि सच कहूँ तो, इसकी घोषणा भारत सरकार ने नहीं, बल्कि डोनाल्ड ट्रंप ने की थी।’

चिदंबरम के बयान पर भाजपा का हल्ला बोल

वरिष्ठ कांग्रेस सांसद की टिप्पणी पर सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा नेता और पार्टी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कहा, ‘यूपीए सरकार के पूर्व गृह मंत्री और कुख्यात ‘भगवा आतंकवाद’ सिद्धांत के मूल समर्थक पी. चिदंबरम एक बार फिर खुद को गौरवान्वित कर रहे हैं: क्या उन्होंने (एनआईए) आतंकवादियों की पहचान की है या वे कहाँ से आए थे? हम जानते हैं कि वे स्थानीय आतंकवादी हो सकते हैं। आप यह क्यों मानते हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है।’

मालवीय ने आगे लिखा, ‘एक बार फिर कांग्रेस पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की जल्दबादी में है। इस बार पहलगाम हमले के बाद। ऐसा क्यों है कि हर समय जब हमारे सुरक्षा बल पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सामना कर रहे होते हैं, कांग्रेस नेता भारत के विपक्ष की बजाय इस्लामाबाद के डिफेंस लॉयर की तरह पेश होते नजर आते हैं।’

वहीं, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ’26/11 से सर्जिकल स्ट्राइक और पहलगाम तक, कांग्रेस का हाथ, पाकिस्तान के साथ! सरकार और विपक्ष जब आज ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी बहस की तैयारी कर रहे हैं, मिस्टर चिदंबरम का बयान सदन में जरूर उठाया जाएगा।’

दूसरी ओर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने चिदंबरम का समर्थन किया है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार ही थी जिसने युद्धविराम पर सहमति जताकर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा, ‘आपने सेना को रोक दिया। आपने भारत और पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर एक ही स्तर पर ला खड़ा किया। आतंकवादी अभी भी जिंदा हैं। क्या आपको शर्म नहीं आती? अगर पहलगाम के हत्यारे ज़िंदा हैं, तो हर भारतीय को शर्म आनी चाहिए।’

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