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Top 10 Most Powerful Passports in 2025: दुनिया के 10 शक्तिशाली पासपोर्ट कौन, जानें भारत की रैंकिंग?

एशियाई देश अभी भी वैश्विक गतिशीलता की दौड़ में आगे हैं। सिंगापुर अपने नागरिकों को 227 में से 193 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच प्रदान कर पहले स्थान पर है।

Top 10 Most Powerful Passports in 2025: दुनिया भर के पासपोर्ट की ताकत का आकलन करने वाले हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की नई रिपोर्ट (22 जुलाई 2025) जारी कर दी गई है। इस साल भी एशियाई देशों ने दबदबा बनाए रखा है। सिंगापुर ने लगातार दूसरे साल पहला स्थान हासिल किया है, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया संयुक्त रूप से दूसरे पायदान पर हैं।

पिछले छह महीनों में भारत ने हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में सबसे बड़ी छलांग लगाई है। भारत की रैंकिंग आठ स्थान ऊपर चढ़कर 85वें से 77वें पर पहुंच गई है। भारतीय पासपोर्ट धारकों को अब दो और गंतव्यों में बिना वीजा के प्रवेश मिल गया है, जिससे वीजा-मुक्त यात्रा वाले देशों की कुल संख्या बढ़कर 59 हो गई है।

शीर्ष स्थान पर एशियाई देश और अमेरिका-ब्रिटेन का पतन

एशियाई देश अभी भी वैश्विक गतिशीलता की दौड़ में आगे हैं। सिंगापुर अपने नागरिकों को 227 में से 193 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच प्रदान कर पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर जापान और दक्षिण कोरिया संयुक्त रूप से हैं, जहां के नागरिक 190 गंतव्यों की यात्रा बिना वीजा के कर सकते हैं।

वहीं, एक दशक पहले तक दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्टों में से एक माने जाने वाले ब्रिटेन और अमेरिका की रैंकिंग में भारी गिरावट आई है। ब्रिटेन छठे स्थान पर खिसक गया है, जबकि अमेरिका पहली बार शीर्ष 10 से बाहर होने की कगार पर है और 10वें स्थान पर आ गया है। इस गिरावट का एक प्रमुख कारण अमेरिका की ‘पारस्परिकता की कमी’ है। हेनले ओपननेस इंडेक्स के अनुसार, अमेरिका केवल 46 देशों के नागरिकों को वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है, जिससे वह इस इंडेक्स में 80वें स्थान पर है।

रैंकदेशवीजा-फ्री गंतव्य
1सिंगापुर193
2जापान, दक्षिण कोरिया190
3डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, स्पेन189
4ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्वीडन188
5ग्रीस, न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड187
6यूनाइटेड किंगडम186
7ऑस्ट्रेलिया, चेकिया, हंगरी, माल्टा, पोलैंड185
8कनाडा, एस्टोनिया, यूएई184
9क्रोएशिया, लातविया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया183
10आइसलैंड, लिथुआनिया, अमेरिका182

सबसे तेजी से ऊपर बढ़ने वाले पासपोर्ट

लंबी अवधि में, कुछ देशों ने अपनी रैंकिंग में प्रभावशाली सुधार किया है। पिछले 10 वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया है, जो 34 पायदान ऊपर चढ़कर 42वें स्थान से आठवें स्थान पर आ गया है।

वहीं, चीन भी पिछले एक दशक में 34 पायदान की छलांग लगाकर 94वें से 60वें स्थान पर पहुंच गया है, जो विशेष रूप से प्रभावशाली है क्योंकि उसने अभी तक यूरोप के शेंगेन क्षेत्र में वीजा-मुक्त पहुंच प्राप्त नहीं की है। चीन ने अपनी खुद की ‘खुलेपन की नीति’ के तहत 75 देशों के नागरिकों को वीजा-मुक्त प्रवेश देना शुरू कर दिया है।

सबसे कमजोर पासपोर्ट वाले देश (बॉटम 10)

रैंकिंग के दूसरे छोर पर, अफगानिस्तान का पासपोर्ट दुनिया में सबसे कमजोर है, जिसके नागरिक केवल 25 गंतव्यों में बिना पूर्व-वीजा के जा सकते हैं। इस तरह, सबसे मजबूत और सबसे कमजोर पासपोर्ट के बीच गतिशीलता में 168 गंतव्यों का चौंकाने वाला अंतर है। कमजोर पासपोर्ट वाले अन्य देशों में सीरिया (27), इराक (30), पाकिस्तान, सोमालिया और यमन (32-32) शामिल हैं। नेपाल और लीबिया जैसे देशों की स्थिति भी निचले पायदान पर बनी हुई है।

रैंकदेशवीजा-फ्री गंतव्य
99अफगानिस्तान25
98सीरिया27
97इराक30
96पाकिस्तान, सोमालिया, यमन32
95लीबिया, नेपाल38
94बांग्लादेश, इरिट्रिया, फिलिस्तीनी क्षेत्र39
93उत्तर कोरिया40
92सूडान41
91श्रीलंका42

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स क्या है?

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स विभिन्न देशों के पासपोर्ट की शक्ति को मापने का एक अंतर्राष्ट्रीय मानदंड है। हेनले एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ. जुएर्ग स्टीफेन के अनुसार, एक पासपोर्ट सिर्फ एक यात्रा दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह आपके देश के राजनयिक प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी दर्शाता है।

यह इंडेक्स इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के विशेष डेटा का उपयोग करके 199 पासपोर्ट का 227 गंतव्यों के आधार पर मूल्यांकन करता है। 2006 से हेनले एंड पार्टनर्स इस रैंकिंग का संचालन कर रहा है।

यदि किसी देश में बिना वीजा के यात्रा की जा सकती है, या वीजा ऑन अराइवल (VOA), इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन (ETA), या विजिटर पास मिलता है तो 1 अंक मिलता है। अगर पहले से वीजा की आवश्यकता है (ई-वीजा सहित) तो 0 अंक मिलता है

इस रिपोर्ट के अनुसार, 2006 में वैश्विक औसत 58 वीजा-मुक्त गंतव्यों से बढ़कर 2025 में 109 हो गया है, जो वैश्विक गतिशीलता में सुधार को दर्शाता है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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