Friday, October 10, 2025
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हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने कोर्ट में पेश की 3200 पन्नों की चार्जशीट

हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने 91 दिनों की जांच के बाद सीजेएम कोर्ट में 3200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में 11 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, हालांकि इसमें भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है। जांच की अगुवाई हाथरस पुलिस के सीओ सदर और इंस्पेक्टर सदर कर रहे थे।

मंगलवार को आरोपियों की अदालत में पेशी हुई थी जिसमें वरिष्ठ वकील एपी सिंह ने उनकी ओर से पैरवी की। 11 आरोपियों में 2 महिलाएं हैं जिनकी जमानत मंजूर कर ली गई है लेकिन उन्हें अभी रिहा नहीं किया गया है। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 4 अक्टूबर निर्धारित की है।

यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को सिकंदरराऊ थाना क्षेत्र में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सतसंग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वहां उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से भारी संख्या में लोग एकजुट हुए थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। सीएम ने घटना की जांच के लिए आगे एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था। इसके बाद 9 जुलाई को एसआईटी ने अपनी 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट सरकार के सामने पेश की थी जिसमें 125 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। भगदड़ के पीछे मुख्य कारण भीड़भाड़ को बताया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि सत्संग में 2 लाख से अधिक लोग पहुंचे थे, जबकि अधिकारियों ने करीब 80,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी।

एसआईटी ने लापरवाही के लिए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की थी। जिसके बाद यूपी सरकार ने उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इंचार्ज कचौरा एवं चौकी इंचार्ज पोरा को निलंबित कर दिया था।

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सत्संग के आयोजकों ने भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी। भारी भीड़ के चलते यहां किसी प्रकार की बैरिकेडिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।

वकील एपी सिंह ने इसे साजिश करार दिया है

उधर, सूरजपाल जाटव के वकील एपी सिंह का कहना है कि इस घटना के पीछे एक साजिश है। एपी सिंह ने बताया कि दो महिला आरोपियों, मंजू देवी और मंजू यादव, को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ व्यक्तियों ने कार्यक्रम के दौरान जहरीला स्प्रे का इस्तेमाल किया, जिसके कारण भगदड़ मची और हादसा हुआ। एपी सिंह ने सवाल उठाया कि हाथरस से सरकार गिराने की साजिश बार-बार क्यों की जाती है।

हादसे के बाद सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के आयोजन समिति के 11 सदस्यों को उन्होंने सरेंडर कराया था। इनमें दो महिलाएं और नौ पुरुष शामिल हैं। आरोपियों से मुलाकात के दौरान, इन लोगों ने भी वही बातें बताईं जो घायलों और मृतकों के परिजनों ने पहले कही थीं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एसआईटी, और नारायण साकार विश्व हरि ने भी इसे साजिश बताया है। सिंह का मानना है कि यह राजनीतिक दलों द्वारा रची गई साजिश हो सकती है, जो सनातन धर्म और कार्यक्रम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अतीत में भी हाथरस में ऐसी साजिशों का सामना किया गया है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता की कोशिश की जा रही है।

सपा ने मृतकों के परिजनों को दी आर्थिक मद

पिछले दिनों हाथरस हादसे में मृतकों के परिजनों को सपा सांसद आदित्य यादव ने एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। सांसद आदित्य यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिशा-निर्देश पर वह हाथरस कांड में बदायूं और संभल दोनों जिलों के जिन लोगों की मृत्यु हुई थी, उनके परिवारों से मिले। पार्टी की ओर से हर परिवार को आर्थिक मदद दी जा रही है। साथ ही, यह विश्वास भी दिलाया जा रहा है कि आगे भी पार्टी हर मुमकिन तौर पर उनके साथ खड़ी रहेगी।

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