Wednesday, September 10, 2025
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GST काउंसिल की 56वीं बैठक, दो दिनों की मीटिंग में होंगे बड़े फैसले; क्या होगा सस्ता और क्या महंगा?

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक आज से शुरू हुई है और दो दिन तक चलेगी। बैठक में लिए गए अंतिम फैसलों की जानकारी कल (गुरुवार) सामने आ सकेगी। इस बैठक में जीएसटी स्लैब को दो दरों में सीमित करने पर बातचीत सबसे ज्यादा चर्चा में है। कई वस्तुओं के स्लैब बदले जाएंगे।

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक 3 सितंबर (बुधवार) से शुरू हो गई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं और इसमें सभी राज्यों के मंत्री शामिल हैं। इस बैठक में बहुप्रतीक्षित जीएसटी दरों में और सुधार लाने, जीएसटी स्लैब को दो दरों में करने और कुछ अन्य विषयों पर पर चर्चा होगी। परिषद द्वारा कई वस्तुओं पर कर की दरों को 28% से घटाकर 18% और 12% से घटाकर 5% करने की उम्मीद है।

हालाँकि, जीएसटी परिषद की बैठक के फैसलों के बारे में सीतारमण कल गुरुवार, 4 सितंबर को घोषित करेंगी। अभी जीएसटी व्यवस्था के तहत चार टैक्स स्लैब हैं। ये हैं- 5%, 12%, 18% और 28%। इसके अलावा, आभूषणों पर 3% का स्लैब है।

56वीं जीएसटी परिषद अगले दो दिनों में केंद्र के ‘अगली पीढ़ी’ के जीएसटी सुधार प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। इसमें 5 और 18 प्रतिशत की केवल दो कर दरें रखने के विषय पर होने वाली बात सबसे ज्यादा चर्चा में है। कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लगाने का प्रस्ताव भी रखा गया है।

56वीं जीएसटी बैठक: किन चीजों के दाम होंगे कम?

जीएसटी परिषद ऑटोमोबाइल और ऑटो क्षेत्रों पर कर की दरों को 28% से घटाकर 18% करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके अलावा उर्वरक, और जैव-कीटनाशकों पर जीएसटी की दर क्रमशः 18% और 12% से घटाकर 5% तक की जा सकती है। इससे किसानों को राहत मिलेगी। कृषि क्षेत्र में लागत में कमी आएगी।

यदि परिषद केंद्र के जीएसटी सुधार प्रस्ताव पर सहमत हो जाती है, तो घी, मेवे, पेयजल (20 लीटर), नमकीन, कुछ जूते-चप्पल, दवाइयाँ और चिकित्सा उपकरण जैसी अधिकांश आम उपयोग की वस्तुएँ 12 प्रतिशत से नीचे 5 प्रतिशत कर वाले स्लैब में आ सकती हैं।

साथ ही पेंसिल, साइकिल, छाते से लेकर हेयरपिन तक आम उपयोग की कुछ और वस्तुएँ भी 5 प्रतिशत के स्लैब में लाई जा सकती हैं। टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। इन पर वर्तमान में 28 प्रतिशत से हटाकर 18 प्रतिशत वाले स्लैब में लाया जा सकता है।

कुछ और वस्तुओं की बात करें तो सौर कुकर, सौर वाटर हीटर और हरित ऊर्जा से संबंधित कुछ अन्य उपकरणों वाले उत्पाद पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% की जा सकती है। इससे लोगों के बीच स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

सिंथेटिक फिलामेंट यार्न, मानव निर्मित स्टेपल फाइबर यार्न, सिलाई धागे, कालीन, गॉज और रबर धागे सहित प्रमुख कपड़ा वस्तुओं पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% की जा सकती है। इससे भी इस उद्योग को राहत मिलेगी। खासकर अमेरिकी टैरिफ से टेक्सटाइल इंडस्ट्री यानी कपड़ा उद्योग चिंता में है।

2,500 रुपये से कम कीमत वाले जूतों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है। जबकि 2,500 रुपये से अधिक कीमत वाले जूतों पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% किया जा सकता है। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम से जीएसटी छूट देने पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है। इसके अलावा परिधानों के मामले में 1000 रुपये पर 5% जीएसटी की सीमा को बढ़ाकर 2,500 रुपये तक पर लागू करने का भी प्रस्ताव है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक: क्या महंगा होगा?

तंबाकू, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला और शराब जैसी वस्तुओं के महंगे होने की उम्मीद है। सरकार इन वस्तुओं पर 40% का विशेष कर स्लैब लागू कर सकती है, जो वर्तमान में 28% है। कोयला, ब्रिकेट और कोयला, लिग्नाइट और पीट से बने अन्य ईंधनों पर कर 5% से बढ़ाकर 18% करने का प्रस्ताव है। 2,500 रुपये से अधिक कीमत वाले रेडीमेड कपड़ों को 12% से बढ़ाकर 18% स्लैब में लाया जा सकता है। गौरतलब है कि ये सभी अभी अनुमान है। अंतिम फैसले के बारे में ठोस जानकारी कल मीटिंग के बाद ही सामने आ सकेगी।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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