Friday, October 10, 2025
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गोपाल खेमका हत्याकांड में बड़ा खुलासा: जमीन विवाद में दी गई थी 4 लाख की सुपारी, जानें किसने रची हत्या की साजिश?

पटनाः बिहार की राजधानी पटना में चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस हत्याकांड के पीछे जमीन और क्लब से जुड़े विवाद की बात सामने आई है, जिसमें 4 लाख रुपये की सुपारी देकर खेमका की हत्या करवाई गई थी।

पुलिस ने बताया कि इस हत्याकांड का असली मास्टरमाइंड अशोक साव है। उसने ही खेमका की हत्या की साजिश रची थी। इस मामले में मुख्य शूटर उमेश यादव और साजिशकर्ता अशोक साव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि हथियार सप्लाई करने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास उर्फ राजा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है।

कैसे हुई वारदात?

पिछले शुक्रवार की रात, गांधी मैदान क्षेत्र के बांकीपुर क्लब से लौटते समय गोपाल खेमका पर बाइक सवार हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। वह अपनी कार से उतर ही रहे थे कि उन्हें तीन गोलियां मारी गईं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इससे पहले वर्ष 2018 में उनके बेटे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पुलिस के मुताबिक, खेमका को सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान अप्रैल 2024 में वह हटा ली गई थी, और उन्होंने दोबारा सुरक्षा की मांग नहीं की थी।

जांच में क्या बात आई सामने

डीजीपी विनय कुमार ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि घटना के बाद एसटीएफ और पटना पुलिस की विशेष टीम गठित की गई। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच के आधार पर शूटर उमेश यादव को चिह्नित किया गया।

जब उमेश यादव के घर की तलाशी ली गई, तो हत्या के वक्त पहना गया शर्ट, हेलमेट, मास्क, जूता, एक 9 एमएम की पिस्तौल, दो मैगजीन, 56 जिंदा कारतूस और 14 गोलियां बरामद हुईं। पूछताछ में उमेश ने बताया कि उसे अग्रिम रूप में 50 हजार रुपये, और घटना के बाद अशोक साव द्वारा बाकी 3.5 लाख रुपये दिए गए।

मास्टरमाइंड अशोक साव और मुठभेड़ में मारा गया राजा

अशोक साव ने पुलिस को बताया कि खेमका से पुराना जमीन और बांकीपुर क्लब से जुड़ा विवाद चल रहा था। इसलिए उसने शूटर और हथियार की व्यवस्था कर खेमका को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। वह पहले भी मनोज कामलिया हत्याकांड और बिहारशरीफ के एक मामले में आरोपी रह चुका है।

उमेश यादव ने हथियार मालसलामी के कुख्यात अपराधी विकास उर्फ राजा से लिए थे। जब पुलिस राजा को गिरफ्तार करने पहुंची तो उसने ईंटा भट्टा इलाके में हथियार बरामद कराने के बहाने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और एक पुलिसकर्मी से उसकी पिस्टल भी छीनने की कोशिश की। जवाबी फायरिंग में राजा गंभीर रूप से घायल हुआ और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। घटनास्थल से एक पिस्टल, कारतूस और अन्य आपराधिक सामग्री बरामद हुई। एफएसएल टीम ने भी मौके पर जांच की।

फ्लैट से मिली नकदी, दस्तावेज और हथियार

उमेश की निशानदेही पर उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 से पुलिस ने 6.50 लाख रुपये नकद, एक और पिस्टल, 17 कारतूस, जमीन के दस्तावेज, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किया। यहीं से अशोक साव को गिरफ्तार किया गया।

डीजीपी के अनुसार, इस केस में अब भी कई अहम कड़ियों की जांच चल रही है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है। इस खुलासे से पटना में हुए इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड की साजिश की गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है।

एसआईटी प्रमुख दीक्षा ने बताया कि पटना पुलिस ने जांच में बहुत तेजी दिखाई। जैसे ही हमें सूचना मिली, पूरी टीम काम करने पर लग गई। जमीनी काम में सभी तकनीकी और मानव संसाधन का इस्तेमाल किया गया। सभी सबूतों के आधार पर मुख्य संलिप्तता एक व्यक्ति की थी। बस बाकी जानकारी उसे इधर-उधर से दी गई… अगर हमें इससे जुड़ी कोई और बात मिलती है, तो जांच की जाएगी।

साजिश में बाहरी राज्यों या संगठनों के लिंक की जांच

सीनियर एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि  शूटर उमेश यादव का अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है, लेकिन जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया और जिस हथियार का इस्तेमाल हुआ, वह आम व्यक्ति के बस की बात नहीं लगती। पुलिस उमेश यादव के पूरे बैकग्राउंड की जांच कर रही है।

विकास उर्फ राजा, जो इस केस में हथियार सप्लायर था, वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। उस पर पहले से 9 गंभीर मामले दर्ज हैं और वह जेल जा चुका है। एसएसपी ने कहा कि एक अन्य संदिग्ध अजय वर्मा की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पुलिस यह देख रही है कि इस साजिश में कहीं बाहरी राज्यों या संगठनों से कोई लिंक तो नहीं है। ऐसे किसी कनेक्शन की पुष्टि होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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