Wednesday, September 10, 2025
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Google छोड़ यूजर्स कर रहे हैं AI का इस्तेमाल? 55% ने बदला तरीका, सर्च इंजन के लिए बड़ा खतरा?

Google के लिए आनलाइन सर्चिंग की दुनिया में बड़ा खतरा दिखाई दे रहा है। हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, करीब 55 प्रतिशत अमेरिकी यूजर्स पेशेवर या व्यक्तिगत मदद के लिए गूगल की बजाय AI की मदद ले रहे हैं।

ऑनलाइन सर्च प्लेटफॉर्म Google के लिए बड़ी मुसीबत दिखाई दे रही है। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह पता चला कि लाखों लोग अब गूगल की बजाय जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये यूजर्स पहले अपनी शंकाओं के समाधान और रोजाना के कामों में मदद के लिए गूगल पर निर्भर थे।

फ्यूचर एआई सेंटिमेंट वेव 3 की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के करीब 55 प्रतिशत यूजर्स ने बताया कि वे अब गूगल की बजाय चैटजीपीटी (ChatGPT) और जेमिनी (Gemini) जैसे एआई चैटबॉट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी सर्वे में पता चला कि ब्रिटेन के लोग अमेरिकी लोगों की तुलना में एआई पर अधिक निर्भर हैं। 62 प्रतिशत यूजर्स ने कहा कि वे अब पारंपरिक रूप से गूगल पर सर्च करने के बजाय एआई से जानकारी प्राप्त करते हैं।

फैक्ट चेक में Google की अहम भूमिका

Google हालांकि अभी भी फैक्ट चेक करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऐसे में यह सर्वे ऑनलाइन जानकारी हासिल करने के मामले में एक बड़े व्यावहारिक परिवर्तन को दर्शाता है।

यूजर्स ने इसके पीछे का कारण बताया है कि एआई से सवाल पूछना बातचीत की शक्ल में होता है। इसमें उत्तर चरणबद्ध तरीके से दिए गए होते हैं जिससे इन पर काम करना आसान लगता है। वहीं, सर्च इंजन पर एक ही बात के लिए दर्जनों लिंक और प्रायोजित परिणामों से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में एआई जो कि सेकंडों में ही जवाब देता है, लोगों की निर्भरता इस पर बढ़ रही है। बहुत से लोगों के लिए इससे समय की बचत तो होती है इसके अलावा कम प्रयास भी करने पड़ते हैं।

लोग किन कारणों के लिए Google छोड़ एआई पर हो रहे हैं निर्भर

सर्वे में पता चला है कि लोग वैकेशन प्लान करने से लेकर फिटनेस रूटीन, टेक ट्रबलशूटिंग और गिफ्ट सजेशन के लिए Google की बजाय एआई का रुख करते हैं। ऐसे में जानेंगे कि किन चीजों पर लोग मुख्य रूप से एआई पर ही अधिक निर्भर हैं।

फिटनेस रूटीन – आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में लोगों के पास फिटनेस के लिए कम समय है। ऐसे में वे फिट रहने के लिए एआई का सहारा लेते हैं। एआई चैटबॉट्स कुछ लोगों के लिए पर्सनल ट्रेनर का भी काम कर रहे हैं। इसके माध्यम से लोगों को रोजाना उनके गोल पूरे करने, समय की कमी के मुताबिक शेड्यूल बनाने में मदद करता है। इसके अलावा लोग एआई से विस्तृत वर्कआउट प्लान के बारे में जानकारी लेते हैं।

तकनीकी खामियों को दूर करने में मदद – किसी भी तरह की तकनीकी समस्या से निजात के लिए लोग Google पर न जाकर एआई से मदद ले रहे हैं। एआई चैटबॉट द्वारा चरणबद्ध तरीके से मिली जानकारियों से यूजर्स का समय बचता है और सारी जानकारी बिखरी हुई न होकर एक ही जगह मिलती है।

यह भी पढ़ें – ChatGPT दुनियाभर में हुआ डाउन, यूजर्स सोशल मीडिया पर कर रहे हैं शिकायत

राइटिंग, वैकेशन प्लानिंग में कर रहे इस्तेमाल

छुट्टियों की योजना बनाने के लिए – यूजर्स अब छुट्टियों की योजना बनाने के लिए एआई चैटबॉट्स की मदद ले रहे हैं। इसमें वे बच्चों के हिसाब से क्या योजना बनाएं और यहां तक कि कहां रुक सकते हैं और कौन सी जगहों पर खाना खा सकते हैं, इसकी जानकारी संक्षेप में ले रहे हैं। सर्वे में पता चला है कि लोग इसका इस्तेमाल इसलिए अधिक कर रहे हैं क्योंकि यह Google की तुलना में अधिक प्रभावी है।

गिफ्ट सजेशन – कई बार लोग अपने प्रियजनों को क्या गिफ्ट दें, इसको लेकर काफी पशोपेश में रहते हैं। इसके लिए यूजर्स गूगल का सहारा लेते थे, लेकिन हालिया सर्वे में पता चला है कि लोग इसके लिए अब एआई पर अधिक निर्भर हैं जिसमें बजट, ओकेशन और लोगों की पर्सनालिटी के हिसाब से गिफ्ट का सुझाव देते हैं।

ई-मेल, मैसेज ड्राफ्टिंग में मदद- लोग अपने पेशेवर क्षेत्र में भी एआई की मदद ले रहे हैं। किसी भी तरह का मेल लिखना हो, सीवी बनानी हो या फिर ड्रॉफ्टिंग करनी हो, यूजर्स एआई का सहारा ले रहे हैं। वहीं, कुछ यूजर्स एआई की मदद से कवर लेटर और अन्य जरूरी कामों के लिए लिखे गए राइट-अप को जांचने के लिए भी एआई का इस्तेमाल करते हैं।

बढ़ रही है प्रतियोगिता

ऐसे में Google के लिए अब प्रतियोगिता बढ़ रही है। इसके साथ ही खतरा भी बढ़ रहा है क्योंकि लाखों यूजर्स चैटजीपी और अन्य एआई चैटबॉट्स पर निर्भरता दिखा रहे हैं।- लोग अपने पेशेवर क्षेत्र में भी एआई की मदद ले रहे हैं। किसी भी तरह का मेल लिखना हो, सीवी बनानी हो या फिर ड्रॉफ्टिंग करनी हो, यूजर्स एआई का सहारा ले रहे हैं। वहीं, कुछ यूजर्स एआई की मदद से कवर लेटर और अन्य जरूरी कामों के लिए लिखे गए राइट-अप को जांचने के लिए भी एआई का इस्तेमाल करते हैं।

ऐसे में Google के लिए अब प्रतियोगिता बढ़ रही है। इसके साथ ही खतरा भी बढ़ रहा है क्योंकि लाखों यूजर्स चैटजीपी और अन्य एआई चैटबॉट्स पर निर्भरता दिखा रहे हैं।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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