Homeकारोबारअमेरिका के जवाबी शुल्क से वैश्विक व्यापार में हलचल, HHEWA ने...

अमेरिका के जवाबी शुल्क से वैश्विक व्यापार में हलचल, HHEWA ने कहा- भारत के लिए बन सकता है अवसर

नोएडाः अमेरिका द्वारा लागू किए गए जवाबी शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) ने वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। इसका सीधा प्रभाव भारत सहित सभी प्रमुख निर्यातकों पर पड़ रहा है। हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एचएचईडब्लूए) का मानना है कि भारत पर चीन तथा कई अन्य देशों के मुकाबले कम टैरिफ से इस उद्योग के लिए एक अवसर भी बन सकता है। 

एचएचईडब्ल्यूए इस नीति के भारतीय निर्यातकों पर पड़ने वाले प्रभाव का गहराई से अध्ययन कर रहा है। संगठन ने वाणिज्य मंत्रालय, ईपीसीएच (एग्जिबिशन प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स) और एचईपीसी (हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) के साथ मिलकर निर्यातकों की समस्याओं और उनके संभावित समाधान पर विमर्श शुरू कर दिया है।

मजबूत राजनयिक संबंधों से सकारात्मक समाधान की उम्मीद

एचएचईडब्ल्यूए का मानना है कि यह शुल्क एक ओर जहां भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौती हो सकता है, वहीं दूसरी ओर यह एक सुनहरा अवसर भी प्रदान कर सकता है। संगठन का यह भी विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छे संबंधों के चलते इस मुद्दे का सकारात्मक समाधान संभव है। वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को 87.40 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि अमेरिका से भारत में 41.75 अरब डॉलर का आयात हुआ। अमेरिका को भारत के शीर्ष 10 निर्यात उत्पादों में कीमती रत्न, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल, खनिज तेल, मशीनरी, वस्त्र और परिधान प्रमुख हैं।

एचएचईडब्ल्यूए ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि देश पर लगाया गया 27 प्रतिशत शुल्क दर अन्य प्रतिस्पर्धी देशों से कम है। उदाहरण के लिए, चीन पर 34 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत, थाईलैंड पर 36 प्रतिशत और इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत शुल्क लागू किया गया है। इससे भारत को वस्त्र और परिधान क्षेत्रों में अमेरिका में एक तुलनात्मक लाभ मिलने की संभावना है। हालांकि भारत की तुलना में जापान (24 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (25 प्रतिशत), मलेशिया (24 प्रतिशत) और ब्रिटेन तथा ब्राजील (10 प्रतिशत) पर कम शुल्क लगा है, परंतु ये देश अमेरिका के उस उपभोक्ता बाजार में भारत के उतने बड़े प्रतिस्पर्धी नहीं हैं।

एचएचईडब्ल्यूए का कहना है कि संगठन प्रधानमंत्री द्वारा घोषित “विकसित भारत” और “विश्व की तीसरी महाशक्ति” के विजन के तहत कार्य करते हुए, निर्यातकों को न केवल इन शुल्कों से लड़ने बल्कि नए अवसरों की खोज के लिए भी प्रेरित करता रहेगा।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version