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जर्मनी के चुनाव में कंजर्वेटिव की जीत, जानिए कौन हैं फ्रिड्रिख मर्त्ज जो बन सकते हैं नए चांसलर

बर्लिन: जर्मनी में रविवार को हुए आम चुनावों में कंजर्वेटिव विपक्षी पार्टी क्रिश्चन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी (सीडीयू) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसे 28.6 प्रतिशत वोट मिले हैं। इसी के साथ पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के नेता फ्रिड्रिख मर्त्ज का जर्मनी का अगला चांसलर बनना लगभग तय हो गया है। चुनावी नतीजों में धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मन पार्टी (एएफडी) दूसरे और मौजूदा सत्ताधारी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी तीसरे नंबर पर रही है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार सीडीयू को कम से कम 30 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने की उम्मीद थी। बहरहाल जीत के बाद सीडीयू नेता मर्त्ज ने कहा, आज हम जश्न मना रहे हैं, लेकिन कल सुबह से काम करेंगे।’ उन्होंने अपने समर्थकों की हौसलाअफजाई करते हुए आगे कहा कि उन्हें पता कि आगे उन पर क्या जिम्मेदारियां हैं।

जर्मनी में दक्षिणपंथ का उभार

जर्मनी में हुए इस चुनाव के नतीजों को बेहद अहम माना जा रहा है। खासकर नतीजों के दिखाया है कि देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पहली बार किसी धुर दक्षिणपंथी पार्टी (एएफडी) का चुनाव में सबसे मजबूत प्रदर्शन नजर आया है। 

बहरहाल, सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी सीडीयू के नेता मर्त्ज ने एएफडी के साथ मिलकर काम करने से इनकार किया है। गौरतलब है कि जर्मनी में मुख्यधारा की पार्टियां धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों के साथ हाथ मिलाने से बचती रही हैं।

इन सबके बीच सत्ता से बाहर जा रही सोशल डेमोक्रेट्स को महज 16.4 प्रतिशत वोट मिले। यह पार्टी की सबसे बुरी हार में से एक है। मौजूदा चांसलर ओलाफ स्कोलज इसी पार्टी से हैं। नतीजों के बाद स्कोल्ज ने कहा कि चुनाव परिणाम पार्टी के लिए एक करारी हार है, और वह गठबंधन के लिए किसी पार्टी से बातचीत में हिस्सा नहीं लेंगे।

रविवार को हुए चुनाव में जर्मन मतदाता बड़ी संख्या में वोट देने के लिए घरों से बाहर निकले। करीब 83% मतदान हुआ। वोटिंग का ऐसा आंकड़ा जर्मनी में आखिरी बार 1990 में देश के एकीकरण के दौरान नजर आया था।

कौन हैं फ्रिड्रिख मर्त्ज जो बन सकते हैं जर्मनी के नए चांसलर

– मर्त्ज का जन्म 11 नवंबर, 1955 को पश्चिमी जर्मनी के उत्तरी राइन-वेस्टफेलिया में हुआ था। द इकोनॉमिस्ट के अनुसार उनका परिवार रूढ़िवादी कैथोलिक था। परिवार वकालत से जुड़ा रहा था। एक वकील के रूप में प्रशिक्षित मर्त्ज 1989 में यूरोपीय संसद के लिए चुने गए और फिर जर्मनी के निचले सदन ‘बुंडेस्टाग’ के लिए चुने गए।

जर्मनी के अगले संभावित चांसलर फ्रिड्रिख मर्त्ज के अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध माने जाते हैं। उन्होंने 100 से अधिक बार अमेरिका का दौरा किया है और पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के बड़े प्रशंसक हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में वे जर्मनी और खासकर यूरोप को अमेरिकी प्रभाव से अलग कर नई शक्ति के तौर पर उभारने की वकालत जोरशोर से करते रहे हैं।

मर्त्ज ने ब्लैकरॉक सहित शीर्ष कंपनियों में काम किया है। आलोचकों का कहना है कि उन्होंने व्यापार के लिए राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल किया। वहीं, समर्थकों मानते है कि उन्हें ‘वास्तविक दुनिया’ का अनुभव है।

मर्त्ज पूर्व में एक समय सीडीयू में बड़े उभरते नेता थे लेकिन 2002 में एंजेला मर्केल से हार गए। इसके कुछ साल बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी और बिजनेस में लग गए। 2018 में उन्होंने एक बार राजनीति में वापसी की और 2022 आते-आते सीडीयू के शीर्ष नेता के रूप में उभरे। 

वे शरणार्थियों के खिलाफ सख्त रुख के लिए जाने जाते हैं। यहां तक ​​कि बॉर्डर पर सख्त नियंत्रण को लागू करने के लिए उन्होंने धुर दक्षिणपंथी एएफडी के साथ मिलकर भी काम किया। 

मर्त्ज के बारे में यह भी कहा जाता है कि अमेरिकी समर्थन की अनिश्चितता को देखते हुए वे इस बात के भी समर्थक हैं कि यूरोप खुद अपनी सुरक्षा का बंदोबस्त करे। उन्होंने जर्मनी को फ्रांस और ब्रिटेन के साथ परमाणु रक्षा पर चर्चा करने का भी सुझाव दिया था। 

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