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जर्मनी के क्रिसमस मार्केट हमले के घायलों में 7 भारतीय भी शामिल, मदद में जुटी सरकार

नई दिल्लीः भारत ने जर्मनी के मैगडेबर्ग में क्रिसमस मार्केट पर हुए भयावह हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों में सात भारतीय भी शामिल हैं। इस घटना को भारत ने ‘बेबुनियाद और अमानवीय’ बताया है।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “हम मैगडेबर्ग, जर्मनी के क्रिसमस मार्केट पर हुए इस भयावह और अमानवीय हमले की कड़ी निंदा करते हैं। इस हमले में कई कीमती जानें गई हैं और अनेक लोग घायल हुए हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।”

घायल भारतीय नागरिकों की मदद कर रहा हमारा मिशनः विदेश मंत्रालय

घटना में घायल सात भारतीय नागरिक में से तीन को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन इस हमले में घायल हुए भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों के साथ लगातार संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। मंत्रालय ने कहा, “हमारा मिशन घायलों और उनके परिवारों के संपर्क में है और हर प्रकार की मदद प्रदान कर रहा है।”

यह हमला शुक्रवार शाम को उस समय हुआ जब मैगडेबर्ग के क्रिसमस मार्केट में भीड़ के बीच एक कार घुस गई। इस हादसे में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है, और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस ने संदिग्ध के तौर पर 50 वर्षीय सऊदी नागरिक और मनोचिकित्सक तालिब अल-अब्दुलमोहसेन को गिरफ्तार किया गया है। सक्सोनी-आनहाल्ट राज्य के प्रमुख रेइनर हासेलॉफ ने बताया, “यह एक अकेले व्यक्ति की कार्रवाई है, जिससे शहर को अब कोई और खतरा नहीं है।”

गिरफ्तार संदिग्ध तालिब कौन है और उसकी मानसिक स्थिति और विचारधारा क्या है?

रिपोर्टों के अनुसार, तालिब ने पिछले 20 वर्षों से जर्मनी में स्थायी निवासी के रूप में जीवन व्यतीत किया है। घटना में इस्तेमाल की गई बीएमडब्ल्यू कार किराए पर ली गई थी। शुरुआती जांच में कार में विस्फोटक होने की आशंका जताई गई थी, लेकिन बाद में पुलिस ने इसकी पुष्टि की कि कार में कोई विस्फोटक नहीं था।

बर्नबर्ग की एक पुनर्वास क्लिनिक, जो अपराधियों के इलाज में विशेषज्ञता रखती है, ने पुष्टि की कि संदिग्ध वहां मनोचिकित्सक के रूप में काम करता था। हालाँकि, वह अक्टूबर से बीमारी और छुट्टी के कारण काम पर नहीं जा रहा था।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, संदिग्ध के सोशल मीडिया अकाउंट से पता चला कि वह इस्लाम विरोधी और दूर-दराज़ के समूहों, जैसे कि ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) का समर्थन करता था। साथ ही, उसने सऊदी शरणार्थियों से निपटने के जर्मनी के तरीके की आलोचना की थी। उसने अगस्त में एक पोस्ट में लिखा था, “क्या जर्मनी में न्याय पाने का कोई रास्ता है बिना किसी जर्मन दूतावास को उड़ाए या जर्मन नागरिकों को अंधाधुंध मारने के?”

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले

बता दें कि लगभग 237,000 की आबादी वाला जर्मनी का मैगडेबर्ग शहर, बर्लिन से लगभग 150 किलोमीटर पश्चिम में सैक्सोनी-एनहाल्ट में स्थित है। इससे पहले साल 2016 में भी जर्मनी की राजधानी बर्लिन में क्रिसमस बाजार में ऐसा ही हमला हुआ था। उस समय एक ट्रक को जानबूझकर भीड़ में घुसा दिया गया था, जिसमें 12 लोग मारे गए थे और 70 से अधिक घायल हो गए थे। हमलावर इटली भाग गया था, जहां बाद में पुलिस ने उसे गोली मार दी थी।

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