Homeविश्वभूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स ने कहा, म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप ने 334...

भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स ने कहा, म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप ने 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा छोड़ी

नेपीडाः शुक्रवार (29 मार्च) को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने विनाश की भयावह तस्वीर पेश की है। इस भूकंप से 300 से अधिक परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली, जिससे पूरे क्षेत्र में भय और तबाही फैल गई।

भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था, जो 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) का अनुमान है कि यह संख्या 10,000 से भी अधिक हो सकती है।

अफ्टरशॉक्स जारी रहने की चेतावनी

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स ने सीएनएन को बताया कि भूकंप से निकली ऊर्जा लगभग 334 परमाणु बमों के बराबर थी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण आने वाले महीनों तक आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) आते रह सकते हैं।

म्यांमार पहले से ही गृहयुद्ध की स्थिति में है और वहां संचार सेवाएं बाधित हैं। इस वजह से भूकंप से हुए विनाश का सही आकलन करना मुश्किल हो रहा है। फीनिक्स के अनुसार, मौजूदा संघर्ष और संचार बाधाओं के कारण बाहरी दुनिया को इस आपदा की भयावहता का पूरा अंदाजा नहीं लग पा रहा है।

भारत, चीन और रूस से राहत सहायता भेजी गई

भारत ने खोज एवं बचाव दल और चिकित्सा टीम को म्यांमार भेजा है। साथ ही, कंबल, टेंट, हाइजीन किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, खाद्य पैकेट और रसोई सेट जैसी आवश्यक राहत सामग्री भी भेजी गई है। 

चीन के युन्नान प्रांत से एक 37-सदस्यीय टीम यांगून पहुंची, जो जीवन रक्षक उपकरण, भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली और ड्रोन लेकर गई है। रूस ने दो विमानों के जरिए 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री को म्यांमार भेजा है।

अन्य देशों में भी भूकंप का असर

भूकंप के झटके दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत में भी महसूस किए गए। वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में इस भूकंप की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई, 22 लोग घायल हुए और 101 लोग लापता बताए जा रहे हैं। 

म्यांमार की सैन्य सरकार ने भूकंप के बाद नेपीडा, मांडले सहित छह राज्यों और क्षेत्रों में आपातकाल घोषित कर दिया है। हालांकि, सरकारी मीडिया एमआरटीवी (MRTV) ने इस आपातकाल की पुष्टि तो की है, लेकिन नुकसान की विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। म्यांमार पहले से ही आंतरिक संघर्षों से जूझ रहा है, जिससे राहत कार्यों में भी बाधा आने की आशंका जताई जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version