Friday, October 10, 2025
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जी7 समिट में जॉर्जिया मेलोनी का ‘नमस्ते’ सुर्खियों में है…क्या है कहानी? मोदी फैक्टर की चर्चा क्यों हो रही है?

दिल्ली: इटली इस बार जी7 समिट की मेजबानी कर रहा है। यह शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून के बीच आयोजित हो रहा है। इसमें जी7 से सात सदस्यों के अलावा भारत सहित कई अन्य राष्ट्र हिस्सा ले रहे हैं। भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शिरकत कर रहे हैं। शिखर सम्मेलन के बीच में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी चर्चा में है। खासकर शिखर सम्मेलन में कुछ मौकों पर वे जिस तरह दूसरे देशों के राष्ट्रध्यक्षों को नमस्ते करती नजर आईं, वह भारत में खूब सुर्खियां बटोर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शुक्रवार को जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने और विश्व नेताओं के साथ विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए दक्षिणी इटली के अपूलिया पहुंचे। पीएम मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एनर्जी, अफ्रीका-मेडिटेरेनियन जैसे सत्रों में भाग लेंगे। इसकी मेजबानी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी करेंगी और इसमें पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे।

तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की पहली विदेश यात्रा

नरेंद्र मोदी ने 9 जून को लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। ऐसे में तीसरी बार पीएम बनने के बाद इटली उनकी पहली विदेश यात्रा है। पीएम मोदी ने इटली रवाना होने से पहले कहा कि उन्हें खुशी है कि तीसरे कार्यकाल में वे जी7 समिट में हिस्सा लेने के लिए पहले विदेश दौरे पर इटली जा रहे हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री के बीच घनिष्ठता अभी तक अच्छी नजर आई है। यही वजह भी रही कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यूरोप से सबसे पहले बधाई संदेश इटली से आया। दोनों नेता गहरी मित्रता की बात भी जता चुके हैं और यही वजह है पिछले दो सालों में इटली और भारत में रिश्ते और बेहतर हुए हैं।

इटली की पीएम मेलोनी के ‘नमस्ते’ के मायने क्या हैं?

पीएम मोदी जहां 14 जून से जी7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। वहीं मेलोनी और अन्य जी7 नेताओं ने गुरुवार (13 जून) को अपनी बैठक शुरू की। इटली की प्रधानमंत्री ने बैठक के पहले दिन कुछ देशों प्रतिनिधियों का ‘नमस्ते’ के साथ स्वागत करके किया।

शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दिन मेलोनी को पारंपरिक भारतीय अभिवादन ‘नमस्ते’ का प्रतीक यानी हाथ जोड़कर यूरोपीय संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन का स्वागत करते देखा गया। एक अन्य वीडियो में, उन्हें जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज का नमस्ते के साथ स्वागत करते देखा जा सकता है। इसके बाद भारत में यह वीडियो खूब देखा गया।

पीएम मोदी की मौजूदा इटली यात्रा से पहले दोनों आखिरी बार पिछले साल दिसंबर में COP28 बैठक के लिए दुबई में मिले थे। तभी पीएम मेलोनी ने अपनी और प्रधानमंत्री की एक सेल्फी पोस्ट की थी, जिसके कैप्शन में लिखा था- ‘COP28 में अच्छे दोस्त। #मेलोडी।’

यह तस्वीर तब तेजी से वायरल हुई और सोशल मीडिया यूजर्स ने हैशटैग मेलोडी को लेकर खूब प्रतिक्रियाएं दी। मेलोडी दरअसल दोनों नेताओं के उपनामों का मिश्रण है। मेलोनी द्वारा तस्वीर पोस्ट करने के बाद पीएम मोदी ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा- ‘दोस्तों से मिलना हमेशा सुखद होता है।’

पीएम मोदी और मेलोनी पिछले सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी मिले। उस शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं की मुलाकातों ने भारत में सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ ला दी थी।

पिछले साल मार्च में जब आठवें रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में इटली की पीएम को बुलाया गया तो उसकी भी खूब चर्चा हुई। यह इसलिए भी विशेष था क्योंकि वह मेलोनी की पहली भारत यात्रा थी। साथ ही यह पांच सालों में किसी इतालवी प्रधानमंत्री की भी पहली भारत यात्रा थी।

मेलोनी पूर्व में अपने ‘अच्छे दोस्त’ मोदी से यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को समाप्त करने में केंद्रीय भूमिका निभाने का भी आग्रह कर चुकी हैं। मेलोनी ने कहा था, ‘यूक्रेन में जंग समाप्त करने के लिए बातचीत प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में भारत को केंद्रीय भूमिका निभानी चाहिए।’

इटली और भारत के बीच मजबूत होते रिश्ते

सेल्फी और सोशल मीडिया पर मीम्स आदि की बात पीछे छोड़ भी दें तो यह सच्चाई भारत और इटली के बीच रिश्ते पिछले कुछ सालों में सुधरे हैं। साल 2012 में दोनों देशों के बीच संबंध तब खराब होने लगे थे जब भारत ने दो भारतीय मछुआरों की मौत के मामले में दो इतालवी नौसैनिकों पर मुकदमा चलाया। 2014 में जब इतालवी रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फिनमेकेनिका (Finmeccanica) पर भारतीय संपर्कों को रिश्वत देने का आरोप लगा तो भारत ने 12 हेलीकॉप्टरों के लिए 670 मिलियन डॉलर का सौदा रद्द कर दिया।

हालांकि, संबंधों को सुधारने का काम 2018 में फिर से शुरू हुआ और जब 2022 में मेलोनी ने पदभार संभाला तो उन्होंने इसे तेजी से आगे बढ़ाया। साल 2021-2022 में भारत-इटली के बीच 13.229 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। इससे रोम यूरोपियन यूनियन में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना। भारत में 600 से अधिक बड़ी इतालवी कंपनियां सक्रिय हैं जो विभिन्न क्षेत्रों को कवर करती हैं। फिएट और पियाजियो जैसे इटालियन ब्रांड से लेकर हाल के फेरेरो रोश, किंडरजॉय, टिक टैक आदि भारत में खूब प्रचलित हैं।

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