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G7 ने दिया इजराइल को समर्थन, ईरान को बताया पश्चिम एशिया में अस्थिरता और आतंक का स्रोत

टोरंटो: इजराइल-ईरान में पिछले पांच दिनों से संघर्ष जारी है। इस तनाव के बीच मंगलवार को ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) देशों के नेताओं ने पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की है। इसके साथ ही इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार को सपोर्ट किया है। 

शिखर सम्मेलन से जारी एक संयुक्त बयान में, जी7 नेताओं ने ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का ‘मुख्य स्रोत’ बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी पक्षों से गाजा में युद्ध विराम और तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया है।

बयान में कहा गया, ‘हम जी-7 के नेता, मध्य-पूर्व (पश्चिम एशिया) में शांति और स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। इस संदर्भ में, हम पुष्टि करते हैं कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। हम इजराइल की सुरक्षा के लिए अपना समर्थन दोहराते हैं। हम नागरिकों की सुरक्षा के महत्व की भी पुष्टि करते हैं। ईरान क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का मुख्य स्रोत है। हमारा स्पष्ट मत है कि ईरान के पास न्यूक्लियर वेपन नहीं होना चाहिए। इसके साथ हम ये भी आग्रह करते हैं कि ईरानी संकट का समाधान हो जिससे मिडिल ईस्ट में तनाव कम हो। हम गाजा में भी युद्धविराम चाहते हैं।’

बयान में बढ़ते तनाव के बीच एनर्जी मार्केट की स्थिरता को बनाए रखने के लिए जी7 की कार्रवाई करने की तत्परता को भी रेखांकित किया गया है।

इजराइल-ईरान के बीच बढ़ता तनाव

इस बीच, तनाव और बढ़ गया है। इजराइल ने तेहरान के निवासियों को हवाई हमलों से पहले शहर खाली करने की चेतावनी दी है। इजराइली अधिकारियों ने नागरिकों से तत्काल ईरानी राजधानी छोड़ने की अपील की है, जो एक बड़े पैमाने पर हमले का संकेत है।

बिगड़ती स्थिति के जवाब में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी यात्रा को एक दिन कम कर दिया।
इजराइल-ईरान के इस तनाव के बीच दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ अभी तक मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर ट्रम्प ने लोगों से तेहरान को खाली करने को कहा है।

ट्रंप ने दोहराया है कि अगर ईरान संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर सहमत होता है, तो वर्तमान संकट से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह समझौता गतिरोध पर पहुंच गया है। अब संघर्ष और भी बढ़ने का खतरा है, जब तक कि तनाव कम करने की दिशा में तत्काल कदम नहीं उठाए जाते।

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