Homeविश्वचाड से 125 साल बाद पूरी तरह हटे फ्रांस के सैनिक, पिछले...

चाड से 125 साल बाद पूरी तरह हटे फ्रांस के सैनिक, पिछले साल हुई थी शुरुआत

एन’जामेना: मध्य अफ्रीकी देश चाड ने शुक्रवार को एक समारोह आयोजित कर फ्रांसीसी सैनिकों की औपचारिक वापसी का स्वागत किया। इस समारोह में फ्रांस ने चाड की राजधानी एन’जामेना स्थित अपना प्रमुख सैन्य अड्डा चाड के अधिकारियों को सौंप दिया। इसके बाद चाड में 125 साल से चली आ रही फ्रांसीसी सैन्य उपस्थिति का अंत हो गया। 

चाड के राष्ट्रपति महामत इद्रिस डेबी इटनो ने इस अवसर पर कहा कि उनका देश फ्रांस के साथ अपने संबंधों को समाप्त नहीं कर रहा है, लेकिन सैन्य सहयोग को खत्म कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चाड अन्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ बातचीत के विकल्प खुले रखेगा, लेकिन किसी भी नए गठबंधन का आधार आपसी सम्मान और स्वतंत्रता तथा संप्रभुता की रक्षा होनी चाहिए।

राष्ट्रपति डेबी ने कहा कि अब चाड को अपने सैनिकों की बहादुरी और क्षमता पर भरोसा रखना होगा और एक मजबूत तथा सुसज्जित सेना का निर्माण करना होगा, जो आने वाले खतरों का मुकाबला कर सके।

फ्रांसीसी सैनिकों की वापसी पर पिछले साल बनी थी बात

चाड ने नवंबर 2024 में फ्रांस के साथ अपने सुरक्षा और रक्षा सहयोग समझौते को समाप्त करने का फैसला किया था। इसके बाद, 10 दिसंबर 2024 को कुछ फ्रांसीसी सैनिकों ने चाड छोड़ना शुरू कर दिया था, और 31 दिसंबर 2024 को राष्ट्रपति डेबी ने 31 जनवरी 2025 तक पूरी तरह से फ्रांसीसी सैनिकों की वापसी का ऐलान किया था।

राष्ट्रपति डेबी ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि यह निर्णय चाड के लोगों की “सामान्य और वैध आकांक्षा” का प्रतीक था। उन्होंने यह भी कहा कि चाड को अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए बलिदान देना पड़ा है, और हम पर भावी की पीढ़ियों के लिए ऐसे बलिदानों का कर्ज है, जैसा हमारे बुजुर्गों ने हमें एक अपने पैरों पर खड़ा देश देने के लिए दिया है।

फ्रांस ने दिसंबर में अपने सैनिकों की वापसी शुरू की थी, और चाड की राजधानी एन’जामेना से कुछ फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों ने वापस न आने के लिए उड़ान भरी थी।

चाड की सेना ने यह भी कहा था कि वे चाड से फ्रांसीसी सैनिकों की वापसी के प्रत्येक चरण के बारे में जनता को सूचित करेंगे। फ्रांसीसी अधिकारियों के अनुसार, चाड में पहले लगभग 1,000 फ्रांसीसी सैनिक तैनात थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version