Friday, October 10, 2025
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फ्रांस की दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन यूरोपीय संघ के धन गबन मामले में दोषी करार, राष्ट्रपति उम्मीदवारी पर संदेह

पेरिस: पेरिस की एक अदालत ने सोमवार को यूरोपीय संघ के धन के गबन के आरोप में दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन को दोषी ठहराया। अभी सजा की घोषणा नहीं की गई है। 

सजा दोषसिद्धि से 2027 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव में उनकी संभावित उम्मीदवारी पर संदेह पैदा हो गया।

ले पेन और उनके सहयोगियों पर आरोप था कि उन्होंने 2004 से 2016 के बीच संसदीय सहायकों के लिए निर्धारित यूरोपीय संसद के धन का पार्टी कर्मचारियों के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया।

यूरोपीय संघ के नियमों का उल्लंघन

अभियोजन पक्ष के मुताबिक आधिकारिक संसदीय कार्य के लिए निर्धारित धनराशि का उपयोग फ्रांस स्थित नेशनल रैली पार्टी के कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए किया गया, जो यूरोपीय संघ के नियमों का उल्लंघन था।

रिपोर्टों के अनुसार, अभियोजकों ने 3,00,000 यूरो (2,77,60,800.00 रुपये) जुर्माने के साथ पांच साल की निलंबित जेल की सजा की सिफारिश की।

अभियोजकों ने सार्वजनिक पद पर तत्काल पांच वर्ष का प्रतिबंध लगाने की भी मांग की। अदालत यदि इसे स्वीकार करती है तो ली पेन, जो तीन वर्षों से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं, अगला राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।

प्रस्तावित प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होगा, भले ही ले पेन अपील करने का विकल्प चुनें, जिससे राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। उन्हें वर्तमान में राष्ट्रपति पद के लिए एक मजबूत दावेदार माना जाता है।

नेशनल रैली पार्टी की प्रमुख ले पेन ने आरोपों को खारिज करते हुए जोर देकर कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने इसे अपनी चुनावी संभावनाओं को कमजोर करने का प्रयास बताया। 

ले पेन ने दी थी चेतावनी

ले पेन ने फैसले से पहले चेतावनी दी थी कि दोषी पाए जाने पर फैसला उनकी ‘राजनीतिक मौत’ का संकेत हो सकता है।

फैसले के संभावित प्रभाव पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “11 मिलियन लोगों ने इस आंदोलन के लिए वोट दिया है जिसका मैं प्रतिनिधित्व करती हूं और ऐसा कोई भी फैसला कई फ्रांसीसी लोगों को ‘चुनाव में अपने उम्मीदवार से वंचित’ कर सकता है।

2017 और 2022 दोनों चुनावों में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बाद दूसरे स्थान पर रहने के बाद, ले पेन की पार्टी के समर्थन में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। उन्हें अगर चुनाव लड़ने से रोक दिया जाता है, तो उनके शिष्य, 29 वर्षीय जॉर्डन बार्डेला, पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में सामने आ सकते हैं।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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