Thursday, October 9, 2025
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फ्रांसः प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने एक महीने के अंदर दिया इस्तीफा, मंत्रिमंडल के खुलासे के बाद उठाया कदम

फ्रांसीसी प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां की मुसीबत बढ़ गई है। लेकोर्नू को पदभार ग्रहण किए एक महीना भी पूरा नहीं हुआ था।

पेरिसः फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व रक्षा मंत्री लेकोर्नू को हाल ही में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया था। उन्हें अपने पद पर एक महीना भी पूरा नहीं हुआ था। 8 सितंबर को फ्रांस्वा बायरू के इस्तीफे के बाद मैक्रां ने उन्हें पीएम नियुक्त किया था।

ऐसे में उनके अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद फ्रांस में गहराते राजनीतिक संकट को उजागर कर दिया है। एलिसी के प्रेस कार्यालय ने इस बाबत कहा कि सेबेस्टियन लेकोर्नू ने सरकार का इस्तीफा गणराज्य के राष्ट्रपति को सौंप दिया है। इसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।

सेबेस्टियन लेकोर्नू ने राजनैतिक दलों के साथ की थी बातचीत

मैक्रां के करीबी सहयोगी लेकोर्नू ने रविवार को राजनीतिक दलों के साथ हफ्तों तक किए गए विचार विमर्श के बाद अपने मंत्रिमंडल का गठन किया था। इसकी पहली बैठक सोमवार, 6 अक्टूबर को होनी थी, हालांकि उससे पहले ही लेकोर्नू ने इस्तीफा दे दिया।

इसके पीछे की वजह राष्ट्रपति मैक्रां द्वारा घोषित की गई मंत्रिमंडल की सूची थी जो कि पिछली सूची से लगभग अपरिवर्तित थी। इसको लेकर विपक्षी दलों के अलावा उनकी अपनी ही पार्टी के लोगों द्वारा आलोचना हुई।

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी सोशलिस्ट पार्टी के नेता ओलिवियर फॉरे ने कहा कि मैक्रां का समूह बिखर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार की वैधता नहीं बची है। लेकोर्नू के इस्तीफे से पहले उन्होंने कहा कि “हम एक अभूतपूर्व राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं।”

राजनैतिक संकट से गुजर रहा फ्रांस

फ्रांस इन दिनों गहरे राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। बीते दो साल में इस्तीफा देने वाले सेबेस्टियन लेकोर्नू चौथे प्रधानमंत्री बन गए हैं। इससे पहले हाल ही में फ्रांस्वा बायरू को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उनसे पहले मिशेल बार्नियर को अविश्वास प्रस्ताव में हार का सामना करना पड़ा था। उनसे भी पहले ग्रैबियल अट्टल ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।

गौरतलब है कि बायरू और बार्नियर को व्यय योजना पर गतिरोध के कारण उनके पद से हटा दिया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फ्रांस का सार्वजनिक ऋण रिकॉर्ड अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। देश का ऋण-जीडीपी अनुपात अब ग्रीस और इटली के बाद यूरोपीय संघ में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

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ऐसे में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां के लिए यह संकट की स्थिति है। लेकोर्नू का इस्तीफा मैक्रां के लिएएक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।

इस बीच विपक्षी दलों में इमैनुएल मैक्रां को घेरा है। दक्षिणपंथी नेशनल रैली ने उनसे चुनाव कराने या फिर इस्तीफा देने की मांग की है। इसके अलावा वामपंथी पार्टी फ्रांस अनबोड ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां से इस्तीफे की मांग की है। फ्रांस में साल 2024 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। यह चुनाव दो चरणों 30 जून और 7 जुलाई को हुए थे।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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