पेरिसः फ्रांस की राजनीति में उथल-पुथल देखने को मिल रही है क्योंकि प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू सोमवार (8 सितंबर) को संसद में विश्वास मत हार गए। ऐसे में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां को भी बड़ा झटका लगा है। बायरू को प्रधानमंत्री पद पर आए महज आठ महीने ही हुए थे और उन्हें अपना पद खोना पड़ा।
उन्हें भारी बहुमत से हार का सामना करना पड़ा। उनके समर्थन में सिर्फ 194 मत पड़े जबकि उनके विपक्ष में कुल 364 वोट पड़े। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार सुबह (9 सितंबर) को वह अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
फ्रांस्वा बायरू तीसरे प्रधानमंत्री
74 वर्षीय फ्रांस्वा बायरू राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां द्वारा नियुक्त तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें दो साल के भीतर पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पहले प्रधानमंत्री रहे मिशेल बार्नियर को पदभार ग्रहण करने के तीन महीने के भीतर दिसंबर में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में हार का सामना करना पड़ा था।
इससे पहले गैब्रियल अट्टल ने फ्रांसीसी प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उनका कार्यकाल भी बतौर प्रधानमंत्री ज्यादा लंबना नहीं चला और आठ महीने में ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। गैब्रियल ने जनवरी से सितंबर तक पदभार संभाला।
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बायरू ने अप्रत्याशित रूप से विश्वास मत का आह्वान किया था ताकि यूरोपीय संघ की 3 प्रतिशत की सीमा से लगभग दोगुने घाटे को कम करने और सकल घरेलू उत्पाद के 114 प्रतिशत के बराबर ऋण के ढेर से निपटने की अपनी रणनीति के लिए संसदीय समर्थन हासिल किया जा सके। लेकिन विपक्षी दल उनके अगले साल के 44 बिलियन यूरो (45 खरब 46 अरब रुपये) की उनकी बचत के समर्थन में एकजुट होने की उम्मीद में नहीं थे क्योंकि 2027 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।
मतदान से पहले हालांकि बायरू ने यह चेतावनी दी थी कि फ्रांस देश पर खरबों डॉलर का कर्ज चढ़ाकर भविष्य और दुनिया में अपने प्रभाव को खतरे में डाल रहा है। बायरू ने कहा था कि “हम डूब रहे हैं” और नौकरी बचाने के लिए अंतिम प्रयास के रूप में कसने की अपील की थी।
विपक्षियों की आलोचना की
उन्होंने नेशनल असेंबली में उन विरोधियों की कड़ी आलोचना की जो उनकी अल्पमत सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे थे और तीखे राजनीतिक मतभेदों के बावजूद उनके खिलाफ एकजुट थे।
बायरू ने विश्वास मत से पहले नेशनल असेंबली में दिए गए भाषण में कहा था कि “आपके पास सरकार गिराने की शक्ति है लेकिन वास्तविकता को मिटाने की शक्ति नहीं है।”
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उन्होंने आगे कहा “वास्तविकता अटल रहेगी। खर्च बढ़ता रहेगा और कर्ज का बोझ – जो पहले से ही असहनीय है – और भी भारी और महंगा होता जाएगा।”
एलिस पैलेस के मुताबित, फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रां बायरू के नए उत्तराधिकारी की घोषणा आने वाले दिनों में करेंगे। बायरु के उत्तराधिकारियों की सूची में सैन्य बलों के मंत्री सेबस्टियन लेकोर्नु और न्याय मंत्री गेराल्ड डर्मानिन सर्वाधिक दौड़ में हैं।