Friday, October 10, 2025
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‘अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान दो’, बांग्लादेश की टिप्पणी पर भारत की दो टूक

नई दिल्ली:  भारत ने गुरुवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के बारे में बांग्लादेश के बयान को दृढ़ता से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने ढाका की टिप्पणियों को गंभीरता से लिया और इसे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के बारे में भारत की चिंताओं के साथ समानता स्थापित करने का एक ‘छिपा हुआ और कपटपूर्ण’ प्रयास करार दिया।  बुधवार को बांग्लादेश ने भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में हिंसा के बीच अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा, “हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं।” बयान में कहा गया, “यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लगातार उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां ऐसे कृत्यों के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। अनुचित टिप्पणी करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर दिया बयान 

बता दें कि बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने नई दिल्ली से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश की भूमिका से इनकार किया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने गुरुवार को कहा था, “हम मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं। हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने की अपील करते हैं।”

मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह के अंत में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान, समसेरगंज और जंगीपुर इलाकों में हुई हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए, जिसके बाद केंद्रीय बलों की तैनाती की गई और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया।

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