Friday, October 10, 2025
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असम में बाढ़ से 15 जिलों के 1.61 लाख से अधिक लोग प्रभावित, 26 लोगों की मौत

करीमगंज: भारत का पूर्वोत्तर राज्य असम पिछले 20 से अधिक दिनों से बाढ़ की चपेट में है। हालात दिन पर दिन बदतर होते जा रहे हैं। बाढ़ से राज्य में अब तक 15 जिलों के 1.61 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 26 लोगों की जान चली गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को हैलाकांडी जिले में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।

एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से करीमगंज जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां स्थिति बदतर बनी हुई है। जिले में 41,711 बच्चों सहित 1.52 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। करीमगंज जिले के नीलामबाजार, आरके नगर, करीमगंज और बदरपुर राजस्व सर्किल के अंतर्गत 225 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 22,464 बाढ़ प्रभावित लोग जिला प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों और राहत वितरण केंद्रों में शरण ले रहे हैं।

करीमगंज जिले में भूस्खलन से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत

मंगलवार रात करीमगंज जिले के बदरपुर क्षेत्र में भूस्खलन से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक महिला, उसकी तीन बेटियां और एक तीन साल का बच्चा शामिल है।  करीमगंज जिले के सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस, पार्थ प्रोतिम दास समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि घटना बदरपुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र के गैनाचोरा (बेंदरगूल) गाँव में हुई।

करीमगंज जिले के बदरपुर क्षेत्र में भूस्खलन का दृश्य। (IANS)

बाढ़ से 470 गांव प्रभावित

एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 बाढ़ प्रभावित जिलों के 28 राजस्व सर्किलों के अंतर्गत 470 गांव प्रभावित हुए हैं और बाढ़ के पानी ने 11 जिलों में 1378.64 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। 15 जिलों में 93,895 पालतू जानवर भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने की थी बैठक

इससे पहले 15 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन और काजीरंगा अधिकारियों के साथ बैठक की थी। सीएम ने संबंधित पदाधिकारियों से सभी आवश्यक कदम उठाने और प्रतिक्रिया प्रणाली को बढ़ाने के लिए कहा था।

बैठक के दौरान असम के सीएम ने बताया कि काजीरंगा में तीन नई कमांडो बटालियन तैनात की गई हैं। उनका मिशन राष्ट्रीय राजमार्ग पार करते समय जानवरों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और शिकारियों को बाढ़ की स्थिति का फायदा उठाकर वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने से रोकना है। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के मौसम के दौरान काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक नई वन बटालियन के लगभग 600 कर्मियों को भी तैनात किया जाएगा।

कई नदियां उफान पर

पिछले महीने चक्रवात रेमल की वजह से राज्म में तेज तूफान और भारी बारिश के बाद से ही हालात बिगड़े थे। 28 मई को हुई भारी बारिश के बाद राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। तब से ही स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। समाचार एजेंंसी आईएएनएस के मुताबिक, असम के हैलाकांडी जिले में कटाखल, बराक और धलेश्वरी नदियाँ उफान पर हैं, जिससे बाढ़ आ गई है। भारी बारिश के कारण शहर और नारायणपुर और इटोरकांडी जैसे गांवों की सड़कें जलमग्न हो गई हैं।

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