Friday, October 10, 2025
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बेंगलुरु में दो शिशुओं में ‘एचएमपीवी’ संक्रमण की पुष्टि के बाद गुजरात में भी 2 महीने के बच्चे की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

बेंगलुरुः कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद चीन मौजूदा समय में नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। इस वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। दक्षिणी राज्य कर्नाटक के बेंगलुरु में एचएमपीवी के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं। यह संक्रमण दो शिशुओं में पाया गया है। वहीं, बेंगलुरु के बाद गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चे का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में आठ महीने के लड़के और तीन महीने की बच्ची में ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस की पुष्टि हुई है। इन दोनों बच्चों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। बीबीएमपी (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन मामलों की जानकारी दी है, लेकिन राज्य स्वास्थ्य विभाग से अभी पुष्टि का इंतजार है।

तीन महीने की बच्ची, जिसे ब्रोंकोप्नेमोनिया का इतिहास था, एचएमपीवी से संक्रमित पाई गई थी और इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। आठ महीने का लड़का रविवार को इस वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया। उसमें भी ब्रोंकोप्नेमोनिया का इतिहास था और फिलहाल वह स्वस्थ हो रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बीबीएमपी के स्वास्थ्य आयुक्त सुरालकर विकास किशोर ने कहा, “अस्पताल ने संक्रमण की पहचान की है, लेकिन वायरल लोड की पुष्टि के लिए आगे की जांच की जा रही है।”

भारत में एचएमपीवी के तीन मामले

भारत में अब तक एचएमपीवी वायरस के तीन मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो कर्नाटक में और अब एक मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है। बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण हैं। निजी अस्पताल की एक लैब के अनुसार, बच्चे की एचएमवीपी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बच्चा मोडासा के नजदीक एक गांव का रहने वाला है। बच्चे की तबीयत सामान्य बताई जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि यदि आप खांसते या छींकते हैं तो अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढके रहें। बीमार हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। यदि सांस संबंधी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं।

बेंगलुरु मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान

टीओआई ने अपनी रिपोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि मल्टीप्लेक्स पीसीआर परीक्षण में बच्चे के सैंपल में वायरस से संबंधित माइक्रोबियल आरएनए/डीएनए पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बेंगलुरु में एचएमपीवी के इन दोनों मामलों की पहचान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की चल रही निगरानी प्रक्रिया के तहत की गई, जो देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी करती है। मंत्रालय ने कहा कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) नेटवर्क के मौजूदा डेटा के अनुसार, देश में इन्फ्लुएंजा जैसे बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “शहर में कई श्वसन वायरस फैल रहे हैं। एचएमपीवी मामलों की पुष्टि के लिए विस्तृत परीक्षण किए जा रहे हैं। पुष्टि होने के बाद, आवश्यक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल, परीक्षण और नियंत्रण उपाय लागू किए जाएंगे।”

इस बीच, कर्नाटक स्वास्थ्य आयुक्त हर्षा गुप्ता ने कहा, “बच्चों में एचएमपीवी का पता चलना असामान्य नहीं है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पहले भी इस वायरस से जुड़े मामले सामने आ चुके हैं। अगर कोई नया स्ट्रेन होता है, तो ICMR इसके लिए हमें दिशानिर्देश जारी करेगा। अभी तक कोई विशेष प्रोटोकॉल जारी नहीं किया गया है।”

क्या है ब्रोंकोप्नेमोनिया और एचएमपीवी?

ब्रोंकोप्नेमोनिया, जिसे ब्रोंकियल निमोनिया भी कहा जाता है, एक प्रकार का निमोनिया है, जिसमें फेफड़ों के ब्रॉन्की और ऐल्वियोली (छोटे एयर सैक्स) में सूजन हो जाती है। इसके लक्षण हल्के से गंभीर हो सकते हैं, जैसे बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, तेज सांस लेना, पसीना और ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना।

वहीं, एचएमपीवी (ह्यूमन मेटाप्नूमोवायरस) की बात करें तो यह आमतौर पर 11 साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है। फ्लू के सभी सैंपल्स में लगभग 0.7% एचएमपीवी होते हैं। यह वायरस सामान्य सर्दी जैसे लक्षण पैदा कर सकता है, जैसे खांसी, घरघराहट, नाक बहना, या गले में खराश। हालांकि, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह गंभीर श्वसन जटिलताएं पैदा कर सकता है, जिन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।

चीन में HMPV मामलों पर भारत की निगरानी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि चीन में श्वसन बीमारियों में तेज वृद्धि और HMPV के मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत स्थिति पर निगरानी रख रहा है। पिछले महीने, चीन ने अज्ञात कारणों वाले निमोनिया और अन्य शीतकालीन बीमारियों पर नज़र रखने के लिए एक पायलट मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया था।

मंत्रालय ने कहा, “आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी के प्रसार पर नजर रखेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चीन में स्थिति को लेकर समय पर अपडेट प्रदान कर रहा है। भारत ने हाल ही में एक तैयारी अभ्यास किया, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि देश श्वसन संबंधी बीमारियों के संभावित वृद्धि को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है।”

4 जनवरी को कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने चीन में एचएमपीवी मामलों के प्रसार की चेतावनी के बाद एक बयान और परामर्श जारी किया था। बयान में कहा गया, दिसंबर 2024 में कर्नाटक में श्वसन संक्रमणों के मामलों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। वहीं, केरल सरकार भी एचएमपीवी मामलों पर नजर रख रही है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य स्थिति पर नजर बनाए हुए है और HMPV के प्रकोप से निपटने के लिए तैयार है।

 

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