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कर्नाटक में 130 किमी स्पीड से गाड़ी चलाने पर सीधे होगी FIR, जानें कब से लागू होगा नियम

बेंगलुरु: अगले महीने के एक तारीख से कर्नाटक में 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड पर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात और सड़क सुरक्षा) आलोक कुमार ने इसकी जानकारी दी है।

कुमार ने कहा है कि 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति वाले ड्राइवरों को लापरवाही और खतरनाक ड्राइविंग माना जाएगा और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

कुमार के अनुसार, राज्य में होने वाली 90 फीसदी घातक दुर्घटनाएं हाई स्पीड गाड़ी चलाने के कारण होती है और इससे निपटने के लिए यह उपाय निकाला गया है। बता दें कि सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति के कहने पर राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।

यह नियम केवल दिन में ही नहीं बल्कि रात में और पूरा राज्य के हर तरह के सड़क पर लागू होगा। कुमार का कहना है कि यह एक मुश्किल काम है, लेकिन वे लोग इसे लागू करने की पुरी कोशिश करेंगे।

1 अगस्त से लागू होगा नियम

आलोक कुमार ने बताया कि 25 जुलाई को बेंगलुरु-मैसूरु राजमार्ग पर 155 वाहनों की स्पीड 130 किमी प्रति घंटे से अधिक दर्ज की गई थी। कुमार ने यह भी कहा है कि साल 2023 में होने वाली 90 फीसदी दुर्घटनाओं के पीछे तेज रफ्तार जिम्मेदार है।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 281 के तहत जो कोई भी 120 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से गाड़ी चलाता है तो इसे तेज या खतरनाक ड्राइविंग के रूप में माना जाएगा।

कुमार ने कहा कि बीएनएस 281 के तहत एक अगस्त से कर्नाटक में कहीं भी 130 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से गाड़ी चलाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेज और लापरवाही से ड्राइविंग के लिए उस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

हालिया घटना के बाद लिया गया फैसला

हाल में कर्नाटक के एनआईसीई रोड हुए एक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही गाड़ी के कारण हुआ था।

घटना पर बोलते हुए आलोक कुमार ने सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति ने राज्य सरकार से तेज गति के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आग्रह किया था।इसके बाद तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया गया है।

कहां लागू होगा नियम

आलोक कुमार ने कहा है कि यह नियम केवल हाईवे पर ही नहीं बल्कि कर्नाटक की सभी सड़कों पर भी लागू किया जाएगा। इसके लिए बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग पर स्पीड लेजर गन भी लगाए गए हैं।

यह एक खास किस्म का गन है जो रात में गाड़ियों की स्पीड को रिकॉर्ड करता है। यही नहीं गाड़ियों के नंबर प्लेट की पहचान के लिए ऑटोमेटिक कैमरे भी लगाए गए हैं जो हाई स्पीड में चलने वाली गाड़ियों की फोटो और उनकी स्पीड को रिकॉर्ड करने में सक्षम है।

कुमार ने कहा कि इससे उल्लंघनकर्ताओं को रिकॉर्ड करने और उन के खिलाफ एफआईआर करने में आसानी होगी।

कितनी स्पीड तक गाड़ी चलाने की है इजाजत

कुमार ने यह भी कहा है कि केवल राजमार्गों पर ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी यातायात पुलिस स्पीड लेजर गन का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए 155 स्पीड लेजर गन वितरित भी किए गए हैं।

बता दें कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाली गाड़ियों के लिए 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड निर्धारित की गई है। लेकिन अगर गाड़ियां राज्य और अन्य राजमार्गों पर चलती है तो इसके के लिए यह सीमा कम है।

वहीं एक्सप्रेसवे की अगर बात करें तो यहां पर अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा है जो देश में वाहनों के लिए कानूनी रूप से उच्चतम गति है।

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