Saturday, October 11, 2025
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‘भड़काऊ’ भाषण को लेकर मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ कोलकाता के बिधाननगर में FIR दर्ज

कोलकाताः हाल ही में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता व भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती पर उनके एक भाषण को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है। बिधाननगर पुलिस ने मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ उत्तरी 24 परगना जिले में पिछले महीने एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यह मामला दर्ज किया है।

मिथुन के खिलाफ यह शिकायत 27 अक्टूबर को सॉल्ट लेक स्थित ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर (EZCC) में भाजपा के एक कार्यक्रम में उनके द्वारा दिए गए भाषण के बाद बिधाननगर साउथ पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। यह कार्यक्रम  भाजपा की सदस्यता अभियान की शुरुआत के लिए आयोजित किया गया था जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे।

मिथुन चक्रवर्ती ने कार्यक्रम में यह घोषणा की थी कि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल की “मसनद” (सत्ता) भाजपा की होगी और इसके लिए वह हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक हुमायूं कबीर की उन टिप्पणियों का भी जिक्र किया था जो लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं पर की गई थीं।

मिथुन ने क्या कहा था?

मिथुन चक्रवर्ती ने कहा था कि यहां एक नेता ने कहा था कि 70 प्रतिशत मुस्लिम, 30 प्रतिशत हिंदू हैं। इन्हें काटकर भागीरथी में बहा दिया जाएगा। मिथुन ने आगे कहा कि मुझे लगा कि मुख्यमंत्री कुछ कहेंगी। कि ऐसी बातें करना बंद करो। किसी ने मना नहीं किया। मिथुन ने आगे कहा था कि मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं लेकिन मैं आपसे कहता हूं एक दिन ऐसा आएगा, जिस दिन मैं तुम्हें भागीरथी में नहीं, बल्कि तुम्हारी भूमि में फेंक दूंगा, क्योंकि भागीरथी हमारी माँ हैं।

मिथुन ने इस दौरान अपनी पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे ऐसे किसी भी प्रयास का सामना करें। अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा के वोटरों को डराने या धमकाने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। बिधाननगर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने मामले की जांच शुरू कर दी है।

भाजपा ने क्या कहा?

हालांकि चक्रवर्ती की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन भाजपा के राज्य अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस एफआईआर को “बदले की राजनीति” करार दिया। समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में मजूमदार ने कहा, “उनके भाषण में कुछ भी भड़काऊ नहीं था। यह केवल पुलिस का राजनीतिक उपयोग कर उन्हें डराने का प्रयास है।”

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