Friday, October 10, 2025
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मशहूर फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का 90 साल की उम्र में निधन, पद्म सम्मान से हुए थे सम्मानित

मुंबई: प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता श्याम बेनेगल का सोमवार को निधन हो गया। 90 वर्षीय बेनेगल लंबे समय से बीमार थे। उनके पारिवारिक मित्र ने उनके निधन की पुष्टि की है। 14 दिसंबर को ही उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था।

बेनेगल का निधन मुंबई के सेंट्रल स्थित वोकार्ट अस्पताल में सोमवार शाम 6.39 बजे हुआ। उनकी बेटी पिया बेनेगल के अनुसार, उनके पिता को क्रोनिक किडनी की समस्या थी, जो आखिरी स्टेज में पहुंच गई थी।

इससे पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी दोनों किडनी फेल हो गई हैं और घर पर ही उनका डायलिसिस होता है। उनका अंतिम संस्कार कब होगा, इसकी अभी जानकारी नहीं दी गई है और इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा।

श्याम बेनेगल को नए दौर की फिल्मों के लिए याद किया जाता है। उन्होंने ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’ और भूमिका जैसी फिल्में बनाई थी। उन्होंने अपने करियर में 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 1500 एड फिल्म्स बनाई हैं। बेनेगल ने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी और फिल्मों में आने से पहले उन्होंने फोटोग्राफी भी की थी।

पद्म सम्मान से सम्मानित किए गए थे श्याम बेनेगल

श्याम को साल 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था। साल 2007 में उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने 1980 के दशक के मध्य में दूरदर्शन के लिए धारावाहिक ‘यात्रा’, ‘कथा सागर’ और ‘भारत एक खोज’ भी बनाई थी।

बेनेगल इकलौते फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पांच बार जीत था। उनकी फिल्मों ने आठ नेशनल अवॉर्ड जीते थे।

इसके अलावा श्याम बेनेगल को साल 2012 में साउथ एशियन सिनेमा फाउंडेशन के एक्सीलेंस इन सिनेमा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उनको भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार लंदन में दिया गया था।

श्याम बेनेगल ने डॉक्यूमेंट्री, टेलीविजन धारावाहिक और शॉर्ट फिल्में बनाई थीं

श्याम बेनेगल ने फिल्मों के अलावा डॉक्यूमेंटरी, टेलीविजन धारावाहिक और शॉर्ट फिल्में भी बनाई थी। इसमें ‘नेहरू’ (1985) और ‘सत्यजित राय, फिल्मकार’ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। टेलीविजन धारावाहिक में ‘यात्रा’ (1986), कथासागर (1986), भारत एक खोज (1988) और शॉर्ट फिल्मों में ‘घर बैठा गंगा’ (1962), ‘पूवनम’ (1969), ‘फ्लॉवर गार्डन’ (1969), ‘हीरो’ (1975) शामिल हैं।

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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