Homeभारतलोक सभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना तय, कांग्रेस सांसद के....

लोक सभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना तय, कांग्रेस सांसद के. सुरेश भी मैदान में…वोटिंग हुई तो क्या होगा?

दिल्ली: कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDIA गुट ने केरल से आठ बार के कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकित किया है। इसी के साथ कई दशक बाद देश में स्पीकर पद के लिए चुनाव होना लगभग तय हो गया है। इससे पहले एनडीए की ओर से लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया गया।

सुरेश के नामांकन के साथ ही अध्यक्ष पद को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच की दूरियां स्पष्ट हो गई हैं। विपक्ष का कहना है कि वह लोकसभा अध्यक्ष पद पर सरकार का समर्थन करने को तैयार थे लेकिन उनकी मांग थी कि सरकार बदले में डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दे।

राहुल गांधी ने कहा- राजनाथ सिंह ने नहीं किया फोन

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को संसद परिसर में कहा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष पद पर बात करने के लिए विपक्ष से संपर्क किया था। राहुल के मुताबिक विपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्ता पक्ष का समर्थन करने के लिए राजी था।

राहुल ने कहा कि पूरे विपक्ष ने कहा था कि वे लोकसभा अध्यक्ष पद के एनडीए उम्मीदवार को समर्थन करेंगे, लेकिन शर्त यह है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह परंपरा रही है और पहले की सरकारों में ऐसा हुआ है।

राहुल के मुताबिक यह बात राजनाथ सिंह को बता दी गई थी। राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस विषय पर दोबारा कॉल करेंगे। लेकिन कल से अब तक उनका कोई कॉल नहीं आया।

प्रधानमंत्री कहते कुछ हैं…करते कुछ हैं: राहुल गांधी

राहुल ने कहा, ‘यह हमारे नेता का अपमान है। उनकी नीयत साफ नहीं है। नरेंद्र मोदी जी कोई कंस्ट्रक्टिव सहयोग नहीं चाहते हैं। उपाध्यक्ष पद विपक्ष को मिलना चाहिए था। हमने सरकार से कहा था यदि परंपरा का पालन किया जाता है तो हम लोकसभा अध्यक्ष को लेकर सरकार का समर्थन करेंगे।’

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते कुछ हैं और करते कुछ और। यही इनका फार्मूला है और यही उनकी रणनीति है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के शब्दों का कोई मतलब नहीं है। बाहर प्रधानमंत्री कहते हैं कि आपसी सहयोग होना चाहिए, सबको मिलकर काम करना चाहिए लेकिन अंदर कुछ और करते हैं।

ओम बिरला ने की पीएम मोदी से मुलाकात

दूसरी ओर वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का नाम मंगलवार को तेजी से चले राजनीतिक घटनाक्रम में सत्तारूढ़ भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद अगले कार्यकाल के लिए भी तय कर लिया।

सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पीकर के पद पर सर्वसम्मति बनाने के लिए विपक्षी दलों से बातचीत की थी। वहीं मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में यह मुलाकात हुई।

लोक सभा स्पीकर का चुनाव कैसे होता है?

लोक सभा के अध्यक्ष का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 93 के तहत होता है। नियमों के अनुसार नई लोकसभा बुलाने से ठीक पहले यह पद खाली हो जाता है। सत्र शुरू होने से पहले देश के राष्ट्रपति नवनिर्वाचित संसद सदस्यों (सांसदों) को शपथ दिलाने के लिए एक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करते हैं। इस बार के कार्यक्रम के अनुसार सत्र के पहले दो दिन 24 जून और 25 जून इस शपथ ग्रहण के लिए समर्पित हैं। अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन 25 जून, दोपहर 12 बजे तक जमा किया जाना था। चुनाव 26 जून को होंगे। लोक सभा में अध्यक्ष का चुनाव साधारण बहुमत से होता है। इसका मतलब ये हुआ कि जो उम्मीदवार सदन में उपस्थित सदस्यों के आधे से अधिक वोट प्राप्त करता है, वह अध्यक्ष बन जाता है।

वोटिंग हुई तो क्या होगा? किसके पास कितने सांसद…

लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव बुधवार को होना है। लोकसभा में संख्या बल की बात करें तो तस्वीर जरूर 2019 से काफी बदली हुई है। एनडीए का नेतृत्व कर रही भाजपा 240 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। यह संख्या 272 के बहुमत के आंकड़े से कम है लेकिन अन्य सहयोगियों की बदौलत एनडीए सांसदों की कुल संख्या 293 हो जाती है।

दूसरी ओर विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, इसमें भी राहुल गांधी को दो सीट पर जीत मिली थी। वायनाड सीट वे छोड़ चुके हैं। इस लिहाज से कांग्रेस के कुल सांसदों की संख्या 98 हो जाती है। वहीं, कांग्रेस की अगुवाई वाले अन्य पार्टियों के सीटों को मिला दें तो INDIA ब्लॉक की संख्या 233 हो जाती हैं। इसके अलावा  16 अन्य पार्टियों के भी उम्मीदवार और निर्दलीय भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।

आजाद भारत में तीसरी बार स्पीकर के लिए चुनाव

भारत में आजादी के बाद लोक सभा अध्यक्ष पद के लिए यह केवल तीसरी बार चुनाव होगा। इससे पहले 1952 में पहले लोक सभा के अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था। साथ ही 1976 में जब आपातकाल की वजह से संसद के पांचवे सत्र को एक साल के लिए बढ़ाया गया तब भी स्पीकर पद के लिए चुनाव हुए थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version