नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के एक और बड़े चेहरे को केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने घेरे में लिया है। आप नेता और दिल्ली की पूर्व की अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह छापा मारा। सामने आई जानकारी के अनुसार यह छापा सौरभ भारद्वाज के दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री रहते अस्पतालों के निर्माण में कथित घोटाले के संबंध में मारा गया है।
ईडी दिल्ली में करीब 13 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ईडी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) की धारा 17 के तहत तलाशी अभियान चला रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जिन 13 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है, उनमें भारद्वाज का 23 केजी मार्ग स्थित हिमालया हाउस के छठे फ्लोर पर स्थित डी-64 आवास और पश्चिम पटेल नगर स्थित बीपी-22 स्थित एक अन्य कार्यालय शामिल हैं।
सौरभ भारद्वाज आप के चर्चित चेहरों में से एक हैं। वे स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा दिल्ली सरकार में शहरी विकास और जल मंत्री भी रह चुके हैं। वे दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से विधायक रहे हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। वे अरविंद केजरीवाल के भी करीबी माने जाते हैं।
अस्पतालों ने निर्माण में धांधली! क्या है पूरी कहानी?
ईडी की ये छापेमारी कथित दिल्ली अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ी है। इसे लेकर एफआईआर 26 जून को दर्ज हुई थी, जिसकी संख्या 37/2025 है। इसे दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली जीएनसीटी के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, निजी ठेकेदारों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया था। इससे पूर्व में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने भारद्वाज और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित घोटाले को लेकर मामला दर्ज किया था।
ईडी अब इस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच कर रहा है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मामले से जुड़े 13 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है। तलाशी टीमों ने सौरभ भारद्वाज के आवासीय परिसरों के साथ-साथ परियोजनाओं में शामिल निजी ठेकेदारों के कार्यालयों और आवासों में भी जांच कर रहे है, ताकि सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और धनशोधन से संबंधित साक्ष्यों का पता लगाया जा सके।
वहीं, एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि अस्पताल निर्माण घोटाला कथित तौर पर लगभग 5,590 करोड़ रुपये का है। साल 2018-2019 में आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 24 अस्पतालों के निर्माण के लिए 5,590 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। आईसीयू अस्पताल को छह महीने में पूरा किया जाना था, लेकिन तीन साल बाद भी काम अधूरा है।
सूत्रों ने बताया कि 800 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद, केवल 50 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है। वहीं, एलएनजेपी अस्पताल की लागत बिना किसी ठोस प्रगति के 488 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये हो गई। इसके अलावा कई जगहों पर बिना मंजूरी के निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया और ठेकेदारों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) का काम भी 2016 से लंबित है, जिसमें जानबूझकर देरी के आरोप हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में सौरभ भारद्वाज के अलावा आप नेता सत्येन्द्र जैन भी जांच के दायरे में हैं। वहीं, आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘जब का यह मामला है, उस समय सौरभ भारद्वाज मंत्री नहीं थे। यह पूरा मामला झूठा है। सतेंद्र जैन के मामले से साफ है कि आप नेताओं पर झूठे मामले दर्ज किए गए थे।’