Friday, October 10, 2025
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शराब घोटाला: केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर चलेगा मनी लॉन्ड्रिंग का केस, गृह मंत्रालय की मंजूरी

नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए मुसीबत बढ़ सकती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब खत्म हो चुकी नई शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को हरी झंडी दे दी है।

सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय ने केजरीवाल के साथ-साथ पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने की मंजूरी दी है। इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। दिसंबर 2024 में ईडी ने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि मंजूरी दी जानी चाहिए क्योंकि केजरीवाल ‘किंगपिन और प्रमुख साजिशकर्ता’ हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंजूरी की जरूरत

पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय को लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई की तरह पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होगी।

ईडी का दावा है कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में कथित घोटाले के मास्टरमाइंड थे। ऐसे में आरोप तय करने की प्रक्रिया दिल्ली की एक अदालत में लंबित थी क्योंकि जांच एजेंसी के पास इसकी मंजूरी नहीं थी। गृह मंत्रालय की जाता मंजूरी ने एजेंसी के लिए यह बाधा अब दूर कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ हफ्ते बाद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। केजरीवाल ने अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ आरोपपत्र पर विचार के फैसले को चुनौती दी थी। केजरीवाल ने कहा था था ईडी के पास उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं है।

जमानत पर हैं केजरीवाल और मनीष सिसोदिया

केजरीवाल और मनीष सिसौदिया को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में पूर्व में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल दोनों नेता जमानत पर बाहर हैं। दोनों नेताओं ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और भाजपा पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को परेशान करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

केजरीवाल को कथित शराब घोटाले के मामले में 21 मार्च, 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने उन्हें 9 बार समन भेजा था, लेकिन वे पेश नहीं हुए थे। ईडी ने हिरासत में लेने के बाद उनसे पूछताछ की और कोर्ट में बताया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई को ईडी से जुड़े मामले में और फिर 13 सितंबर को सीबीआई से जुड़े मामले में जमानत दे दी थी। इसके बाद जेल से बाहर आने पर केजरीवाल ने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

वहीं, सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने और फिर 12 दिन बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त, 2024 को उन्हें यह कहते हुए जमानत दी कि ‘निकट भविष्य में मुकदमा समाप्त होने की दूर-दूर तक संभावना नहीं है।’

नियमों के तहत, मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए उपराज्यपाल गृह मंत्रालय या भारत सरकार को सिफारिश भेज सकते हैं। ईडी के सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के फैसले से पहले एजेंसी को आरोपपत्र दाखिल करने से पहले मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होती थी। हालांकि, यह सीबीआई के लिए अनिवार्य रहा है।

चुनावी मौसम में ‘आप’ की बढ़ेगी मुश्किल

गृह मंत्रालय की मंजूरी ऐसे समय में आई है जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए राजनीतिक दलों के नेता जोर शोर से जुटे हैं। दिल्ली में एक ही चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। केजरीवाल साफ कर चुके हैं कि वे ही आम आदमी पार्टी की ओर से सीएम चेहरा हैं।

केजरीवाल आज नामांकन भी दाखिल कर रहे हैं। नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। नई दिल्ली की विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल ने 3 बार चुनाव लड़ा, और तीनों बार भारी अंतर से जीत हासिल की है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-कांग्रेस को बड़ा झटका, कई नेताओं ने थामा आप का दामन

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