Saturday, December 6, 2025
Homeकारोबारईडी ने अनिल अंबानी समूह की 10,117 करोड़ की संपत्तियां कुर्क कीं,...

ईडी ने अनिल अंबानी समूह की 10,117 करोड़ की संपत्तियां कुर्क कीं, क्या है धोखाधड़ी का मामला?

ईडी के अनुसार इस बार जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सात संपत्तियां, रिलायंस पावर की दो संपत्तियां और रिलायंस वैल्यू सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की नौ संपत्तियां शामिल हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी के रिलायंस समूह पर बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने अब तक कुल 10,117 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कर दी हैं। शुक्रवार को एजेंसी ने ताजा कार्रवाई में 1,120 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कीं, जो रिलायंस होम फाइनेंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और यस बैंक से जुड़े धोखाधड़ी मामले का हिस्सा बताई जा रही हैं।

ईडी के अनुसार इस बार जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सात संपत्तियां, रिलायंस पावर की दो संपत्तियां और रिलायंस वैल्यू सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की नौ संपत्तियां शामिल हैं। इसके अलावा कई कंपनियों के फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक बैलेंस और बिना सूचीबद्ध निवेशों में की गई हिस्सेदारी को भी कुर्क किया गया है। इन कंपनियों में रिलायंस वेंचर एसेट मैनेजमेंट, फाई मैनेजमेंट सॉल्यूशंस, आधार प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी और गमेसा इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट जैसी फर्में शामिल हैं।

एजेंसी इससे पहले भी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (आरसीएफएल) और रिलायंस होम फाइनेंस (आरएचएफएल) से जुड़े बैंक फ्रॉड मामलों में 8,997 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर चुकी है। यानी अब कुल कुर्की की राशि 10,117 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। ईडी का कहना है कि अनिल अंबानी समूह की कई कंपनियों ने हजारों करोड़ रुपये की सार्वजनिक रकम का गलत इस्तेमाल किया और उसे अलग-अलग समूह कंपनियों में घुमाया।

ईडी जांच में क्या बातें आई सामने?

जांच के अनुसार 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने रिलायंस होम फाइनेंस में 2,965 करोड़ रुपये और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया था, लेकिन 2019 के अंत तक ये निवेश डूब गए और गैर-निष्पादित परिसंपत्ति यानी एनपीए में बदल गए। आरएचएफएल पर 1,353.50 करोड़ और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये बकाया रह गए। ईडी ने जांच में पाया कि इन दोनों कंपनियों ने मिलकर 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की सार्वजनिक राशि जुटाई और उसका बड़ा हिस्सा गलत तरीके से दूसरी कंपनियों में भेजा गया।

सीबीआई ने इससे पहले आरकॉम, अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। एजेंसी का आरोप है कि आरकॉम और समूह की अन्य कंपनियों ने 13,600 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का इस्तेमाल पुराने कर्ज छुपाने के लिए किया। इसके अलावा लगभग 12,600 करोड़ रुपये समूह से जुड़ी अन्य कंपनियों में भेजे गए और करीब 1,800 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए, जिन्हें बाद में भुनाकर फिर से समूह कंपनियों में डाल दिया गया।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments