Friday, October 10, 2025
Homeभारततेजस्वी यादव के आरोपों पर चुनाव आयोग का पलटवार, 'फैक्ट चेक' जारी...

तेजस्वी यादव के आरोपों पर चुनाव आयोग का पलटवार, ‘फैक्ट चेक’ जारी कर दावों को बताया भ्रामक

पटनाः बिहार में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा चलाए जा रहे ‘विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान 2025’ को लेकर राजनीति गरमा गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस अभियान पर गंभीर सवाल उठाते हुए कई तथ्यों का हवाला दिया, जिसे अब चुनाव आयोग ने भ्रामक बताते हुए खंडन किया है।

चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा अपने फैक्ट चेक में लिखा कि राष्ट्रीय जनता दल ने स्वयं इस अभियान के लिए 47,504 बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) नियुक्त किए हैं, जो अभियान में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। आयोग ने यह भी बताया कि अब तक लगभग 4 करोड़ फॉर्म (करीब 50 प्रतिशत) एकत्र किए जा चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) पूरी गति से चल रहा है।

निर्वाचन आयोग चार स्तंभों में इस अभियान की प्रगति और प्रक्रियाओं को स्पष्ट किया है।

1. एसआईआर सर्वे-सक्रियता

24 जून तक बिहार में 7,89,69,844 पंजीकृत मतदाताओं तक एसआईआर की प्रक्रिया पहुंच चुकी है। पहले से भरे हुए गणना फॉर्म (जिनमें नाम, पता, फोटो जैसे विवरण होते हैं) अब तक 7.69 करोड़ मतदाताओं तक वितरित किए जा चुके हैं, जो कुल का लगभग 97.42 प्रतिशत है। बीएलओ द्वारा गणना फॉर्म की घर-घर जाकर पुष्टि की जा रही है, और प्रत्येक घर में कम से कम तीन बार जाने का निर्देश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं। फिलहाल दूसरा दौरा जारी है। इस प्रक्रिया में कुछ मतदाता मृत, स्थानांतरित या प्रवासी भी पाए गए हैं।

2. प्रारूप मतदाता सूची में नाम शामिल करने की शर्तें

वे लोग जिन्होंने अपने गणना फॉर्म 25 जुलाई 2025 तक भर दिए हैं, उनके नाम आगामी 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। इस अभियान में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बीमार, गरीब और अन्य कमजोर वर्गों के मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। सीईओ, डीईओ, ईआरओ और बीएलओ द्वारा ऐसे मतदाताओं तक सहायता पहुंचाने के लिए वालंटियरों की मदद ली जा रही है। यदि किसी मतदाता के पास अभी आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, तो उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 1 सितंबर 2025 तक का समय दिया गया है।

3. मतदाता बनने की पात्रता

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 और 19 तथा संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक है, अर्हता तिथि पर 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का है, और उस निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी है, तथा किसी कानून के अंतर्गत अयोग्य घोषित नहीं किया गया है, तो वह मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का पात्र है।

4. नाम विलोपन की प्रक्रिया और अपील का अधिकार

मतदाता का नाम हटाने का निर्णय केवल जांच के बाद और निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (ईआरओ) द्वारा स्पष्ट लिखित आदेश के माध्यम से ही लिया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति की पात्रता पर संदेह होता है, तो उसे नोटिस देकर उसका पक्ष सुना जाएगा। यदि मतदाता ईआरओ के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह पहले जिला मजिस्ट्रेट के पास अपील कर सकता है। यदि वहां से भी राहत न मिले, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24 के तहत वह राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास दूसरी अपील कर सकता है।

तेजस्वी यादव ने क्या आरोप लगाए हैं?

8 जुलाई को सोशल मीडिया पोस्ट में तेजस्वी यादव ने लिखा कि बिहार में इस अभियान के दौरान अव्यवस्था, अराजकता और असंवैधानिक कार्यशैली अपनाई जा रही है, जो अत्यंत निंदनीय है और लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि फॉर्म भरने के लिए बिना दस्तावेज और सत्यापन के मौखिक निर्देश दिए जा रहे हैं। साथ ही कई जगहों पर मतदाताओं के हस्ताक्षर की जगह फर्जी हस्ताक्षर या अंगूठा लगवाया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदाताओं की जानकारी के बिना उनका डेटा अपलोड किया जा रहा है।

तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि ईआरओ और बीएलओ पर 50 प्रतिशत फॉर्म जल्द से जल्द अपलोड करने का भारी दबाव बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, डाटा एंट्री ऑपरेटर और सुपरवाइजरों को प्रतिदिन 10,000 फॉर्म अपलोड करने का अव्यावहारिक लक्ष्य दिया गया है।

तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि कहीं मौखिक रूप से कहा जा रहा है कि आधार कार्ड ही काफी है, तो कहीं कहा जा रहा है कि किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है। इससे मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने दावा किया कि वे स्वयं पार्टी कार्यकर्ताओं, बीएलओ और आम नागरिकों से बात कर रहे हैं और हर क्षेत्र में अलग ही कहानी और अलग तरह की अनियमितताएं सामने आ रही हैं।

तेजस्वी ने पूरी प्रक्रिया को “फर्जीवाड़े का लाइव शो” करार दिया, जिसमें हर दिन, हर घंटे नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब संसाधन नहीं हैं, इंटरनेट नहीं है, प्रशिक्षण या स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं, तो फिर इस प्रक्रिया में इतनी हड़बड़ी क्यों दिखाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब एक पूर्वनियोजित साजिश के तहत हो रहा है, ताकि असली मतदाताओं को हटाकर चुनाव को प्रभावित किया जा सके।

तेजस्वी ने इसे न सिर्फ मतदाता प्रक्रिया का अपमान बताया, बल्कि लोकतंत्र के मूल पर चोट पहुंचाने वाला ‘कुत्सित प्रयास’ करार दिया। उन्होंने कहा कि वे हर मंच और हर स्तर पर मतदाताओं की आवाज बनेंगे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

वॉयस क्लिप विवाद और नई बहस

तेजस्वी यादव के आरोपों के साथ-साथ राजद ने एक कथित ऑडियो क्लिप भी साझा की, जिसमें एक जिलाधिकारी की आवाज होने का दावा किया गया। इस क्लिप में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण से संबंधित निर्देश दिए जाते सुनाई दे रहे हैं। इस क्लिप के साथ राजद ने लिखा, “बिहार के एक जिलाधिकारी का यह वॉइस रिकॉर्डिंग चुनाव आयोग के मुंह पर करारा तमाचा है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही चुनाव आयोग घबराया हुआ दिख रहा है। दो गुजराती बिहार नहीं चला सकते।”

राजद ने यह भी दावा किया कि फर्जीवाड़े के कई और ऑडियो-वीडियो मौजूद हैं, जिन्हें समय-समय पर सामने लाया जाएगा।

चुनाव आयोग का दोटूक जवाब

चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश एसआईआर की प्रक्रिया के अनुरूप ही हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर प्रक्रिया से इतर या अवैध कार्य नहीं किया जा रहा है। आयोग का कहना है कि विशेष पुनरीक्षण पूरी पारदर्शिता और संवैधानिक प्रावधानों के तहत किया जा रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा