नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता पवन खेड़ा को दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड रखने के मामले में नोटिस भेजा है। आयोग ने दिल्ली के दो विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकरण पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।
नई दिल्ली के इलेक्टोरल ऑफिसर द्वारा जारी किए गए नोटिस में पवन खेड़ा के दो वोटर आईडी कार्ड का जिक्र है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में अपना पंजीकरण कराया है। चुनाव आयोग ने कहा कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। आयोग ने कांग्रेस नेता को 8 सितंबर को कार्यालय बुलाया है।
चुनाव आयोग ने यह नोटिस भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के एक्स पर खुलासे के बाद भेजा। मालवीय ने नई दिल्ली और जंगपुरा, दोनों विधानसभा सीटों की वोटर लिस्ट की तस्वीरें साझा करते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता के पास दो सक्रिय ईपिक (पहचान पत्र) नंबर हैं।
मालवीय ने अपने पोस्ट में लिखा, राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया, लेकिन वह यह बताना भूल गए कि उनकी माँ सोनिया गांधी ने भारत की नागरिक बनने से पहले ही खुद को वोटर लिस्ट में दर्ज करा लिया था। अब यह सामने आया है कि पवन खेड़ा, जो गांधी परिवार से अपनी नजदीकी दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते, उनके पास दो सक्रिय ईपिक नंबर हैं।
मालवीय ने कहा कि पवन खेड़ा न केवल दो वोटर आईडी रखने के अपराध में शामिल हैं, बल्कि बिहार में भ्रामक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वोटरों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की मजबूत चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
अमित मालवीय ने आगे कहा कि कहा कि राहुल गांधी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा में अपने झूठे आरोपों की जांच के लिए अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में गलत काम के आरोपों को पहले ही खारिज कर दिया है।
‘यह हमारे वोट चोरी के आरोप को सही साबित करता है’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने उन पर लगे आरोपों को लेकर चुनाव आयोग पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने अपने वोटर आईडी में किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया और इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग पर डाली। उन्होंने कि मैं 2016 में उस क्षेत्र से शिफ्ट हो गया था। तब से वोटर लिस्ट में 4-5 बार संशोधन हुआ है, लेकिन मेरा नाम नहीं हटाया गया। इससे साफ होता है कि मतदाता सूची के संशोधन के दौरान बीएलओ कैसे काम करते हैं।
खेड़ा ने सवाल उठाया कि वोटर लिस्ट को दुरुस्त रखना और चुनाव कराना कांग्रेस की जिम्मेदारी है या चुनाव आयोग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार वाराणसी की मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट और महाराष्ट्र के मतदाता बूथों की सीसीटीवी फुटेज की मांग कर रही है, लेकिन आयोग इनकार कर रहा है। इसी वजह से हम इसे वोट चोरी कहते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि बिहार में पार्टी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान ऐसे कई लोग सामने आए, जिन्हें जीवित होने के बावजूद मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सवाल चाहे अनुराग ठाकुर, अमित मालवीय, या कांग्रेस पार्टी उठाए, सब कुछ चुनाव आयोग और उसके काम करने के तरीके को ही दिखाता है। इसीलिए कांग्रेस पारदर्शिता की मांग कर रही है।
‘असली चोरी कांग्रेस पार्टी के भीतर हो रही है‘
उधर, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने पवन खेड़ा पर लगे आरोपों के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के नजदीकी लोग वोट चोरी और चुनावी धोखाधड़ी में लिप्त हैं।
उन्होंने कहा कि पूछा कि राहुल गांधी इस पर चुप क्यों हैं? भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी देशभर में घूम-घूमकर आम नागरिकों को ‘नकली’ और ‘चोर’ कह रहे हैं, जबकि असली चोरी कांग्रेस पार्टी के भीतर हो रही है।